एक्शन में RBI, इन 5 बैंकों पर ठोका भारी जुर्माना, 10 फाइनेंस कंपनियों का लाइसेंस रद्द, नियम तोड़ने का आरोप, पढ़ें पूरी खबर

आरबीआई ने 5 बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में शामिल कश्मीर के दो बैंक शामिल हैं। 3 एनबीएफसी ने लाइसेंस सरेंडर किया है। आइए जानें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह कदम क्यों उठाया है?

Manisha Kumari Pandey
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होली के बाद भारतीय रिजर्व बैंक की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। पाँच सहकारी बैंकों पर लाखों का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। दस नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का लाइसेंस यानि सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा तीन एनबीएफसी ने खुद अपना सीओआर आरबीआई को सरेंडर किया है। इस बात की जानकारी केन्द्रीय बैंक ने 17 मार्च को प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।

जनता सहकारी बैंक लिमिटेड (गोंदिया महाराष्ट्र) पर 1.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। द जोगिंदर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (हिमाचल प्रदेश) और द गुरदासपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पंजाब) पर का एक -एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कश्मीर में स्थित द अनंतनाग सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1 लाख रुपये और द बारामुल्ला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 5 लाख रुपये का जुर्माना आरबीआई ने लगाया है।

बैंकों के खिलाफ आरबीआई ने क्यों उठाया सख्त कदम?

जनता सहकारी बैंक लिमिटेड ने पात्र दावा न की गई राशि को डिपॉजिट एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में निर्धारित समय के भीतर ट्रांसफर करने में विफल रहा। द जोगिंदर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने बीआर एक्ट के सेक्शन 20 के खिलाफ जाकर निदेशक से संबंधित लोन स्वीकृत या रिन्यू किए।

द अनंतनाग सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और द बारामुल्ला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने आरबीआई द्वारा जारी किए गए दिश निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कुछ फ्रेश डिपॉजिट स्वीकार किया। द गुरदासपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने भी लोन से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया, निदेशक से संबंधित कर ऋण को स्वीकृत/ रिन्यू किया। बैंकों के खिलाफ की गई ये कार्रवाई दिशानिर्देशों के अनुपालन में खामियों पर आधारित है। बैंक और ग्राहकों के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

इन फाइनेंस कंपनियों पर भी गिरी गाज 

आरबीआई ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित 10 एनबीएफसी का CoR रद्द कर दिया है। अब इन कंपनियों को एनबीएफसी के तौर पर कारोबार करने की अनुमति नहीं होगी। सभी कंपनियों को को 6 फरवरी 2025 को कैंसिलेशन ऑर्डर जारी किया गया था। इस लिस्ट में डोयेन व्यापार प्राइवेट लिमिटेड टॉयलेट, गाजा फिनकॉर्प प्राइवेट लिमिटेड, टोरेंट मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड, लोकप्रिय ट्रेड एंड एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड, रानी सती मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड, महिमा कमर्शियल को-ऑपरेटिव प्राइवेट लिमिटेड, योगिमा ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, वैष्णवी व्यापार प्राइवेट लिमिटेड, एयसे क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड और रायकोट फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बिजनेस से बाहर होने पर तीन कंपनियों ने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। इस लिस्ट में साउथ दिल्ली में स्थित अरवी टेक्नो इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, बिहार के रोहतास में स्थित पानघाट फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और मुंबई में स्थित वॉल्टन स्ट्रीट इंडिया फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।


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