Fri, Dec 26, 2025

इन 4 बैंकों पर गिरी गाज, RBI ने की बड़ी कार्रवाई, ठोका लाखों का जुर्माना, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं? जानें नाम और वजह 

Published:
आरबीआई ने 5 बैंकों के खिलाफ कार्रवाई है। इनपर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। आइए जानें केन्द्रीय बैंक ने यह कदम क्यों उठाया और क्या कस्टमर्स पर इसका असर पड़ेगा?
इन 4 बैंकों पर गिरी गाज, RBI ने की बड़ी कार्रवाई, ठोका लाखों का जुर्माना, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं? जानें नाम और वजह 

RBI Action: एक बार फिर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सख्त कार्रवाई सामने आई है। पाँच सरकारी बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है, जो कर्नाटक में स्थित हैं। केरल के एनबीएफसी पर पेनल्टी लगाई गई है। इस बात की जानकारी केन्द्रीय बैंक ने 15 मई गुरुवार को दी है। नोटिफिकेशन भी जारी किया है। देश के सभी बैंकों को आरबीआई रेगुलेटर करता है। वित्तीय स्थिति के संदर्भ में मार्च 2024 को निरीक्षण किया गया था।

इस निरीक्षण के दौरान आरबीआई को पता चला कि बैंक दिशानिर्देशों का अनुपालन सही से नहीं कर रहे हैं। जिसके बाद सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जवाब मांगा गया है। नोटिस पर प्राप्त प्रतिक्रिया और अन्य मौखिक और लिखित प्रस्तुतियों को देखते हुए आरोपों की पुष्टि हो जाने पर पेनल्टी लगाने का निर्णय लिया गया। बैंकों और एनबीएफसी के खिलाफ की गई कार्रवाई नियमों के अनुपालन में कमियों पर आधारित। लेनदेन या एग्रीमेंट पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

इन बैंकों ने तोड़े लोन से जुड़े नियम 

मंगलौर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धरवाड़ पर 2 लाख रुपये और द शिमोगा डिस्ट्रिक्ट कोऑ-परेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड पर  एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तीनों बैंकों ने निदेशक से संबंधित लोन स्वीकृत किए।

देरी से ऑडिटर रिपोर्ट जमा करने पर इस बैंक पर गिरी गाज

स्वर्णा भारती सहकार बैंक नियमिथा बेंगलुरु पर पर 50,000 रुपये का जुर्माना आरबीआई ने लगाया है। बैंक निर्धारित समय के भीतर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने खाते और बैलेंस शीट के साथ-साथ ऑडिटर की रिपोर्ट जमा नहीं कर पाया।

इस कंपनियों पर भी लगा जुर्माना 

ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी पर प्रबंध में परिवर्तन करने के लिए आरबीआई से पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त न करने का आरोप है, जिसके कारण स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर इसके 30% से अधिक नुदेशक बदले गए।