मई में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की कार्रवाई का सिलसिला जारी है। तीन बड़े बैंकों पर भारी जुर्माना है। किसी ने केवाईसी तो किसी ने केसीसी से संबंधित दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। इस बात की जानकारी आरबीआई ने शुक्रवार को दी है। बयान भी जारी किया है।
प्राइवेट सेक्टर के आईडीबीआई बैंक पर 31.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र पर 31.80 लाख और बैंक ऑफ़ बड़ौदा पर 61.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 31 मार्च 2023 को हुए एक निरीक्षण के दौरान नियमों की अनदेखी का पता आरबीआई को चला था। जिसके बाद इन सभी बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर प्राप्त जवाब और आगे की जांच के बाद ही यह कदम केंद्रीय बैंक ने उठाया है।

बैंकों ने किया इन नियमों का उल्लंघन
बैंक ऑफ़ बड़ौदा यह सुनिश्चित करने में विफल रहा की बीमा कंपनी द्वारा बीमा कॉर्पोरेट एजेंसी सेवा में लगे उसके कर्मचारियों का कोई प्रोत्साहन (गैर-नकद) का भुगतान नहीं किया गया। बैंक में निश्चित अंतराल पर कुछ इनॉपरेटिव/डॉर्मेंट/फ्रोजन सेविंग डिपॉजिट अकाउंट्स में ब्याज जमा नहीं किया।
बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र नॉन फेस-टू-फेस मोड में आधार ओटीपी आधारित केवाईसी का उपयोग करके खोले गए कई जमा खातों के संबंध में कुछ नियामक आवश्यकतानों का पालन करने में नियमों का पालन नहीं कर पाया। वहीं आईडीबीआई बैंक पर कुछ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खातों में लागू ब्याज दर से अधिक ब्याज लगाया।
क्या ग्राहकों पर पड़ेगा प्रभाव?
देश के सभी बैंकों को रेगुलेट करने का काम रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया करता है। नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कदम उठता है। केंद्रीय बैंक में स्पष्ट किया है कि तीनों बैंकों के खिलाफ की गई कार्रवाई नियमों के अनुपालन में कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य ग्राहक और बैंक के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रभाव डालना नहीं है। इसीलिए यदि इनमें से किसी भी बैंक में आपका अकाउंट है तो चिंता करने की जरूरत नहीं। आप पहले ही तरह ही सभी सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे।