- आरबीआई ने 3 बैंकों पर प्रतिबंध लगाया
- लोन देने और जमा राशि स्वीकार करने की मंजूरी नहीं
- ग्राहकों को खाते से 35,000 रुपये निकालने की अनुमति
- 6 महीने तक होगी बैंकों की समीक्षा
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने तीन बैंकों के खिलाफ सख्ती दिखाई है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के धारा 35ए और 56 के तहत प्रतिबंध लगाया है। तीनों बैंकों को 4 जुलाई से ही व्यवसाय बंद करने का आदेश जारी किया गया है। कुछ जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं। इस दौरान ग्राहकों को भी परेशानी होगी। इस लिस्ट में शामिल दो बैंकों के ग्राहक सीमित राशि की निकासी कर पाएंगे। वहीं एक बैंक को इसकी अनुमति भी नहीं दी गई है।
यह आदेश 6 महीने तक जारी रहेगा। RBI ने बैंकों का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है। कुछ समय के लिए बस प्रतिबंध लगाया है। बैंकों के स्थिति की समीक्षा होगी। संशोधन के लिए जरूरी निर्देश भी केन्द्रीय बैंक जारी करेगा। यदि स्थिति में सुधार आता है तो इन प्रतिबंधों को हटाने का फैसला भी लिया जा सकता है। इस लिस्ट में इनोवेटिव को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड (दिल्ली), द इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (गुवाहाटी) और द सहकारी बैंक लिमिटेड (मुंबई) शामिल हैं।

इन सेवाओं पर रहेगा प्रतिबंध
तीनों बैंक आरबीआई की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी लोन या एडवांस को स्वीकृत या रिन्यू नहीं कर पाएंगे। इन्हें कोई भी निवेश, उधार लेने और नई राशि जमा स्वीकार करने सहित अन्य लेनदेन से रोका गया है। अपनी देनदारी और दायित्व के निर्वहन में या अन्यथा कोई भुगतान करने की अनुमति भी नहीं होगी। कोई समझौता या व्यवस्था करने पर भी रोक होगी। संपत्ति या परिसंपत्ति बेचने की अनुमति भी नहीं होगी। हालांकि बैंक कुछ जरूरी कार्य जैसे कर्मचारियों के वेतन, किराया, बिजली बिल आदि के संबंध में व्यय कर सकते हैं। इसके अलावा जमा राशियों के विरुद्ध ऋण रिसेट ऑफ करने की अनुमति भी दी गई है।
ग्राहक निकाल पाएंगे इतनी रकम
आरबीआई ने इन्नोवेटिव को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड दिल्ली और द इंडस्ट्रियल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड गुवाहाटी बैंक बचत बैंक या चालू खाते या किसी अन्य अकाउंट में रखी गई कुल राशि में से 35000 रुपये तक की राशि निकालने की अनुमति दी गई है। हालांकि भवानी सहकारी बैंक लिमिटेड मुंबई के ग्राहकों को यह सुविधा भी नहीं मिलेगी। प्रत्येक ग्राहक डीआईसीजीसी एक्ट 1961 के प्रावधानों के तहत 5 लाख रुपये मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का अधिकार रखता है।
आखिरी क्यों उठाया आरबीआई ने यह कदम?
हाल ही में बैंक के कामकाज में सुधार के लिए बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन के साथ आरबीआई ने बातचीत की थी। बैंक द्वारा पर्यवेक्षी चिताओं को दूर करने और बैंक के जमाकर्ताओं की हितों की रक्षा के लिए ठोस प्रयास नहीं किए जाने पर यह कदम उठाया गया है। 3 जुलाई को तीनों बैंकों को निर्देश जारी किया गया है।