देश के सभी बैंकों और एनबीएफसी को रेगुलेट करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की है। संचालन के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। ताकि ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा हो सके। जब भी कोई बैंक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है, तो आरबीआई सख्त कार्रवाई करता है। एक हफ्ते में दूसरी बार केन्द्रीय बैंक का एक्शन सामने आया है। एक साथ दो बड़े बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है।
प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक पर आरबीआई ने 29 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह रिटेल और कॉर्पोरेट ग्राहकों को कई सेवाएं प्रदान करता है। वहीं ड्यूश बैंक एजी पर भी गाज गिरी है, 50 लाख रुपये की मॉनेटरी पेनल्टी लगाई गई है। इस बात की जानकारी केन्द्रीय बैंक ने 16 मई को दी है।

बैंकों ने तोड़े ये नियम
ड्यूश बैंक एजी ने उधारकर्ताओं की क्रेडिट जानकारी सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इनफॉरमेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (सीआरआईएलसी) को रिपोर्ट नहीं की थी। वहीं यस बैंक वित्तवर्ष 2023-24 के लिए अपने वार्षिक वित्तीय विवरण में ग्राहकों की शिकायतों के बारे में सही और पूरी जानकारी का खुलासा नहीं किया।
क्या ग्राहकों पर पड़ेगा प्रभाव?
दोनों बैंकों की वित्तीय स्थिति के संदर्भ 31 मार्च 2024 को एक निरीक्षण आरबीआई ने किया था। जिसमें दिशा निर्देशों के उल्लंघन का खुलासा हुआ। इसके बाद बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर आए रिप्लाई और अन्य प्रस्तुतियों को देखते हुए मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया। यह कदम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ धारा 47ए(1) के प्रावधानों के तहत प्रदान की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उठाया है।
यह कारवाई नियमों के अनुपालन में खामियों पर आधारित है। बैंकों और कस्टमर्स के बीच हो रहे लेनदेन या एग्रीमेंट पर नहीं पड़ेगा। इसलिए ग्राहकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इस बात की पुष्टि आरबीआई ने खुद की है।