इन 15 बैंकों ने तोड़े नियम, RBI ने उठाया सख्त कदम, ठोका भारी-भरकम जुर्माना, कहीं आपका इनमें खाता तो नहीं?

आरबीआई ने 15 बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है। नियमों की अवहेलना करने पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। आइए जानें बैंकों पर आरोप लगे हैं और क्या ग्राहकों पर भी प्रभाव पड़ेगा?

RBI Action: देशभर के सभी बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया रेगुलेट करता है। नियमों का उल्लंघन होने पर अक्सर सख्त कदम उठता रहता है। आरबीआई ने एक साथ 15 बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस लिस्ट में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गुजरात ,हिमाचल प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना के बैंक शामिल हैं।

केंद्रीय बैंक से तमिलनाडु में स्थित द वेल्लोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड पर 50 हजार रूपये और द शॉलिंघुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कर्नाटक में स्थित कर्नाटक ग्रामीण बैंक पर एक लाख रुपये,  द साउथ केनरा डिस्टिक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 5 लाख रुपये, द मैसूर और चामराजनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये, श्री गणेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 2.50 लाख रुपये, टुमकुर वीराशैवा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 50 हजार रुपये और बगलकोट डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। केरल में स्थित कोडुनगल्लूर टाउन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रूपये और द केरल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोझिकोडे पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। है।

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गुजरात में स्थित पोरबंदर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 50 हजार रुपये और द सतराम अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पंजाब के जलंधर में स्थित द सिटीजंस अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 15 लाख रुपये और हिमाचल प्रदेश के द कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 25 लाख का जुर्माना आरबीआई ने ठोका है। तेलंगाना के निजामाबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

आरबीआई ने क्यों उठाया यह कदम?

  • कोडुनगल्लूर टाउन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने खातों को गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के रूप में वर्गीकृत करने में विफल रहा। अयोग्य संस्थाओं के नाम पर कुछ सेविंग अकाउंट भी खोलें।
  • कर्नाटक ग्रामीण बैंक भी खातों को गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के रूप में वर्गीकृत करने में विफल रहा।
  • द साउथ केनरा डिस्टिक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने निदेशक से संबंधित लोन स्वीकृत किए।
  • द वेल्लोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री पर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को निर्धारित समय सीमा अंतर्गत अपलोड करने में विफल रहा।
  • द मैसूर और चामराजनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड निदेशकों से संबंधित लोन स्वीकृत किए।
  • पोरबंदर कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड भी ग्राहकों की केवाईसी रिकॉर्ड को सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री पर अपलोड करने में विफल।
  • द सतराम अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने भुगतान न किए गए मेच्योर एचडी की मेच्योरिटी अमाउंट पर लागू ब्याज का भुगतान नहीं। कुछ खातों के जोखिम वर्गीकरण की आर्थिक समीक्षा 6 महीने में एक बार भी नहीं कर पाया।
  • जालंधर के द सिटीजंस अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने रेगुलेटरी लिमिट से परे  लोन और एडवांस को रिन्यू या स्वीकृत किया। एसबीआई से अधिक इंटरेस्ट से टर्म डिपॉजिट और सेविंग डिपॉजिट पर ऑफर किया।
  • बगलकोट डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने बैंकिंग बैंकिंग लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए प्रचलन क्षेत्र से बाहर लोन वितरित किए।
  • श्री गणेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गुलबर्गा कर्नाटक ने विवेकपूर्ण अंतर बैंक (सकल) और प्रतिपक्ष जोखिम सीमाओं का उल्लंघन किया। निर्धारित विनियामक सीमा से अधिक दान भी दिया।
  • टुमकुर वीराशैवा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड एसएएफ के तहत जारी की गए गाइडलाइंस का उल्लंघन किया था।
  • द शॉलिंघुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड ने नाम मात्र सदस्यों को निर्धारित सीमा से अधिक लोन स्वीकृत किया। ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड नहीं कर पाय।
  • निजामाबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने निदेशकों से संबंधित लोन स्वीकृत किए।
  • केरल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने एसएएफ नियमों का उल्लंघन करते हुए आरबीआई की पूर्व स्वीकृति के बिना अनुमति सीमा से कहीं अधिक पूंजीगत किया व्यय किया।
  • द बगलकोटडिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने भी निदेशकों से संबंधित लोन को स्वीकृत किया।

क्या ग्राहकों पर पड़ेगा असर? 

आरबीआई ने कार्रवाई को लेकर बयान जारी किया है। जिसके मुताबिक यह एक्शन दिशानिर्देशों के अनुपालन में कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य ग्राहकों और बैंकों के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रभाव डालना नहीं है।

आरबीआई का आदेश देखने के लिंक यहाँ क्लिक करें


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Manisha Kumari Pandey

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