हमेशा के लिए बंद हो गया ये बैंक, RBI ने रद्द किया लाइसेंस, लेनदेन पर लगी रोक, कहीं इसमें आपका खाता तो नहीं?

आरबीआई ने एक बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। केन्द्रीय बैंक ने इसे ग्राहकों के हितों के लिए खतरा बताया है। आइए जानें जमाकर्ताओं पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया देश भर के सभी बैंकों को रेगुलेट करता है। ग्राहकों के हित में हमेशा सख्त कदम उठाता रहता है। आरबीआई ने एक और बैंक का लाइसेंस रद्द (RBI Action) कर दिया है। गुजरात के अहमदाबाद में स्थित कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को 16 अप्रैल से कारोबार बंद करने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार गुजरात से बैंक को बंद करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का अनुरोध भी किया है।

इस कार्रवाई की जानकारी केंद्रीय बैंक ने बुधवार को दी है, बयान भी जारी किया है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले हफ्ते ही महाराष्ट्र के शंकरराव मोहिते पाटील सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द किया था। वहीं फरवरी में भी एक बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया था।

आरबीआई ने क्यों उठाया यह कदम?

कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की कई प्रावधानों का उल्लंघन करता है। इतना ही नहीं आरबीआई ने इस बैंक का चालू रहना जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक बताया है। बैंक के पास प्राप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं है। अपने वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान भी नहीं कर सकता है। यदि इसे कारोबार जारी रखने की अनुमति दी जाती है। तो सार्वजनिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

ग्राहकों पर भी पड़ेगा प्रभाव 

लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक जमाओं की स्वीकृति और वापसी नहीं कर सकता है। लेनदेन, समझौते, लोन इत्यादि बैंकिंग बिजनेस पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में ग्राहकों को चिंता सता रही होगी कि उनके पैसों का क्या होगा।

कस्टमर्स के पैसों का क्या होगा?

डीआईसीजीसी एक्ट 1961 के प्रावधानों के तहत जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम से प्रत्येक जमाकर्ता 50 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार है। बैंक द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च 2024 तक डीआईसीजीसी जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर अब तक 13.94 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। वही 98.51% जमाकर्ता अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।


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Manisha Kumari Pandey

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