नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल लोन को लेकर नई गाइड्लाइन जारी की है। देश में ग्राहकों के साथ डिजिटल लोन से जुड़ी धोखाधड़ी की घटनाओं को देखते हुए आरबीआई ने नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। इस नए नियम के तहत अब सिर्फ नियामिक दायरे में आने वाली कंपनियां ही ग्राहकों को डिजिटल लोन देने से सक्षम होगी। लोन देने के लिए कंपनियों को निर्धारित किए गए सख्त नियमों का पालन करना होगा। साथ ही आरबीआई ने यह निर्देश दिए हैं की डिजिटल लोन सीधे लोन लेने वाले ग्राहकों के बैंक अकाउंट में जाना जरूरी होगा, किसी तीसरे पक्ष या माध्यम से देने की इजाजत नहीं होगी।
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साथ ही आरबीआई ने यह नियम निर्धारित किए हैं की क्रेडिट मध्यस्थता प्रक्रिया (Credit Arbitration Process) में लोन के प्रोवाइडर को देय शुल्क का भुगतान लोन लेने वालों को नहीं बल्कि डिजिटल लोन देने वाली संस्थाओं को करना चाहिए। साथ ही आरबीआई ने अपने गाइड्लाइन में अधिक ब्याज दरों, डेटा प्राइवसी का उल्लंघन, अनैतिक वसूली के तरीके का भी जिक्र किया है।
आरबीआई के मुताबिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल ऐप्स सहित वर्किंग ग्रुप ऑन डिजिटल लेंडींग पर इनपुट के आधार पर आरबीआई ने डिजिटल लेंडींग के जरिए लोन देने के व्यवस्थित विकास को सपोर्ट करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया है। इस पैनल को 13 जनवरी 2021 को आरबीआई द्वारा बनाया गया था। अब लोन का वितरण और रिपेमेंट सिर्फ उधारकर्ता और विनियमित यूनिट के अकाउंट के बीच होंगे, किसी तीसरे मीडियम की जरूरत नहीं होगी।