इस प्राइवेट बैंक पर गिरी गाज, RBI ने लगाया 59.20 लाख रुपये का जुर्माना, कहीं इसमें आपका खाता तो नहीं? देखें खबर

नियमों का उल्लंघन करने पर आरबीआई ने बैंक पर भारी जुर्माना लगाया है। 8 नवंबर को आदेश जारी किया है। आइए जानें आखिर केन्द्रीय बैंक ने यह कदम उठाया?

Manisha Kumari Pandey
Published on -
rbi action

RBI Action: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। 8 नवंबर को आदेश जारी करते हुए नियमों का उल्लंघन करने पर 59.20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इस बात की जानकारी इस आरबीआई ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।

आरबीआई आरबीआई ने बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) के साथ धारा 47 ए (1)(c) के प्रावधानों के तहत यह एक्शन लिया है। पिछले साल पिछले साल बैंक के वित्त स्थिति के संदर्भ में पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए संवैधानिक निरीक्षण किया गया था। इस दौरान निर्देशों के अनुपालन में खामियों का खुलासा हुआ। जिसके बाद बैंक को नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर आए जवाब और जांच के बाद ही मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया।

बैंक ने किया इन नियमों का उल्लंघन (RBI Monetary Penalty)

बैंक ने एसएमएस या ईमेल या पत्र आदि के जरिए कुछ ग्राहकों को सूचित किए बिना न्यूनतम शेष/औसतन न्यूनतम शेष राशि न रखने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाए। इतना ही नहीं कुछ एनआरआई बचत खातों पर ग्रहण अधिकार लगाया।

ग्राहक ना लें टेंशन (Banking News)

ग्राहकों को इस कार्रवाई को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई निर्देशों के अनुपालन में कर्मियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे समझौते या लेनदेन की वैधता पर असर डालना नहीं है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News