रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने महाराष्ट्र के एक सहकारी बैंक के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। नासिक जिला महिला विकास सहकारी बैंक लिमिटेड को 9 दिसंबर से कारोबार बंद करने का आदेश जारी किया गया है। यह कदम बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के अलग-अलग प्रावधानों के तहत 19 की गई शक्तियों के तहत केंद्रीय बैंक ने उठाया।अब बैंक को आरबीआई के अप्रूवल के बिना लोन या एडवांस ग्रांट या रिन्यू करने से रोकने गया है।
आदेश के तहत बैंक कोई इन्वेस्टमेंट भी नहीं कर सकता। न ही नई जमा राशियों को स्वीकार कर सकता है। इसके अलावा किसी भी प्रॉपर्टी या एसेट बचने, ट्रांसफर और डिस्पोज करने से भी रोका गया है। रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि इस बैंक का लाइसेंस कैंसिल नहीं किया गया है। बैंक अपनी फाइनेंशियल स्थिति में सुधार होने तक निर्देशों का पालन करेगा। तब तक बैंक पर पाबंदियां लागू रहेंगी।
क्या है वजह? (RBI Action)
आरबीआई ने यह कदम लिक्विडिटी की स्थिति को देखते हुए उठाया है। सुपरवाइजर चिताओं और बैंक के डिपॉजिटरों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी यह फैसला जरूरी था। केंद्रीय बैंक ने बैंक को 8 दिसंबर को जारी आदेश की एक कॉपी अपने वेबसाइट पर दिखाने का निर्देश भी दिया। ताकि कस्टमर और हितधारकों को इस बात की जानकारी मिल सके। बैंक के स्टेटस की समीक्षा नियमित तौर पर आरबीआई करता रहेगा। जरूरत पड़ने पर निर्देशों में बदलाव भी हो सकते हैं। यह आदेश 6 महीने तक लागू रहने वाला है। अगला फैसला रिव्यू के आधार पर लिया जाएगा।
ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
बैंक पर प्रतिबंध लगने के कारण कई ग्राहकों को भी परेशानी हो सकती है। आरबीआई द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक इस बैंक के ग्राहकों को सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट या किसी भी खाते में जमा राशि में से केवल 35,000 रुपये निकालने की अनुमति होगी। हालांकि बैंक कुछ जरूरी चीजों जैसे कि कर्मचारियों की सैलरी, किराया और बिजली के बिल इत्यादि पर खर्च कर सकता है। डीआईसीजीसी के के नियमों के तहत प्रत्येक कस्टमर को 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर जमा बीमा क्लेम करने की सुविधा मिलती है। कोई भी खाताधारक अपनी मर्जी और सही वेरिफिकेशन के बाद इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
आरबीआई का आदेश यहाँ देखें




