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Fri, Dec 19, 2025

दिवाली से पहले इन 5 बैंकों पर गिरी गाज, RBI ने ठोका भारी जुर्माना, लिस्ट में MP का यह बैंक भी शामिल, पढ़ें पूरी खबर 

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आरबीआई ने पाँच बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। सभी पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। आइए जानें कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं?
दिवाली से पहले इन 5 बैंकों पर गिरी गाज, RBI ने ठोका भारी जुर्माना, लिस्ट में MP का यह बैंक भी शामिल, पढ़ें पूरी खबर 

RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक ने पांच बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इन सभी पर बैंकिंग संबंधित नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के विभिन्न धाराओं के तहत आरबीआई ने लाखों की मॉनेटरी पेनल्टी लगाई है। लिस्ट में महाराष्ट्र के चार और मध्य प्रदेश का एक बैंक शामिल है।

मध्य प्रदेश के मैहर में स्थित मां शारदा महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित पर आरबीआई ने 1 लाख रुपये  का जुर्माना लगाया गया है। इस बैंक ने विवेकपूर्ण अंतर बैंक सकल जोखिम सीमा के साथ-साथ विवेकपूर्ण अंतर बैंक प्रतिपक्ष जोखिम सीमा का भी उल्लंघन किया। जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि होने के बाद मौद्रिक जुर्माना लगाने का लगाने का निर्णय लिया गया।

महाराष्ट्र के इन बैंकों पर लगा जुर्माना (RBI Monetary Penalty) 

गोंदिया जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (महाराष्ट्र) पर 2.60 लाख रुपये, वैजापुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (महाराष्ट्र) पर 7.50 लाख रुपये, प्रेरणा नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड (औरंगाबाद महाराष्ट्र) पर 2 लाख रुपये और श्री शिवेश्वर सहकारी बैंक लिमिटेड बसमतनगर ( हिंगोली महाराष्ट्र) पर एक लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है।

आखिर क्या है वजह? (Reserve Bank Of India)

गोंदिया जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड ने अपने निदेशकों को लोन स्वीकृत किया। तीन सीआईसी में से किसी भी एक की सदस्यता प्राप्त करने में भी विफल रहा। वैजापुर मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने एसएएफ के तहत जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं किया। कुछ यूनिट को दान दिया और जमा राशियों पर एसबीआई द्वारा दी जाने वाली दरों से अधिक ब्याज दरों की पेशकश की। इसके अलावा संदिग्ध लेनदेन की प्रभावी पहचान और रिपोर्टिंग के हिस्से के रूप में अलर्ट देने के लिए एक मजबूत सॉफ्टवेयर स्थापित करने में भी विफल रहा। प्रेरणा नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड ने एक फर्म को लोन स्वीकृत किया, जिसमें निदेशक के रिश्तेदार की रुचि थी और निदेशक लोन के गारंटर भी थे। वहीं श्री शिवेश्वर नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड निर्धारित अवधि के भीतर पात्र दावा ना की गई जमा राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में ट्रांसफर करने में विफल रहा।