RBI Action : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में चार सहकारी बैंकों पर पेनल्टी ठोंकी है। सभी बैंकों के खिलाफ बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धार 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1)(सी) के तहत आरबीआई ने एक्शन लिया है। इस संबंध में केन्द्रीय बैंक ने 4 दिसंबर सोमवार को बयान भी जारी किया है।
बैंकों के नाम और वजह
चारों बैंक महाराष्ट्र के हैं। इनके नाम जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड (पुणे), श्री लक्ष्मीकृपा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पुणे), द कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (उल्लासनगर) और चेंबूर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (मुंबई) है।
- जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने 4 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। बैंक ने खातों में जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा नहीं की। साथ ही निर्धारित समय सीमा के भीतर आरबीआई को सूचना देने में विफल रहा।
- श्री लक्ष्मीकृपा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह बैंक केवाईसी से जुड़े निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहा है। इसके अलावा समय-समय पर बैंक ने अपने ग्राहकों को जोखिम वर्गीकरण की समीक्षा भी नहीं की।
- द कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1 लाख रुपये की पेनल्टी ठोंकी गई है। बैंक ने बचत खातों में न्यूनतम शेष के रखरखाव में कमी के लिए कमी की सीमा अनुपात में दंडात्मक शुल्क लगाने के बजाय निश्चित दंडात्मक शुल्क लगाया था।
- चेंबूर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक ने बचत खातों में न्यूनतम शेष के रखरखाव में कमी के लिए कमी की सीमा अनुपात में दंडात्मक शुल्क लगाने के बजाय निश्चित दंडात्मक शुल्क लगाया था। इस बारे में ग्राहकों को सूचित करने में भी विफल रहा।
आरबीआई ने और क्या कहा?
सभी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले आरबीआई ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में पूछा गया “निर्देशों का पालन करने में विफलता के उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए?” इसके अलावा रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई बैंकों के खामियों को देखते हुए की गई है। ग्राहकों और बैंकों के बीच हो रहे लेनदेन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।