भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है। “ग्राहक जानो (केवाईसी)” पर जारी कुछ दिशानिर्देशों का उल्लंघन होने पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इस संबंध में RBI ने 3 जुलाई गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी किया है। यह कदम केन्द्रीय बैंक ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के विभिन्न प्रावधानों के तहत उठाया है। दोनों बैंकों को मिलाकर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आरबीआई ने डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दुर्ग छत्तीसगढ़ पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं गुजरात के वडोदरा में स्थित श्री छानी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर चार लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है। मार्च 2024 में बैंकों के फाइनेंशियल स्टेटस के संदर्भ में एक इंस्पेक्शन किया गया था। इस दौरान पता चला कि नियमों का सही से अनुपालन नहीं हो रहा है। जिसके बाद नोटिस जारी कर आरबीआई के कारण पूछा। सूचना पर प्राप्त प्रतिक्रिया और जांच के दौरान दी गई प्रस्तुतियों के आधार पर पेनल्टी लगाने का फैसला लिया गया।
डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने जोड़े ये नियम
इस बैंक ने निर्धारित समय के भीतर कुछ ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड नहीं किया। अवधिकता के हिसाब से कुछ ग्राहकों के केवाईसी का आवधिक अपडेशन नहीं किया। इसके अलावा प्रत्येक व्यक्तिगत ग्राहक के लिए एक विशिष्ट पहचान कोड के बजाय कुछ व्यक्तिगत ग्राहकों को कई ग्राहक पहचान कोड आवंटित किए।
श्री छानी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर क्यों लगा जुर्माना?
श्री छानी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड ने 6 महीने में कम से काम एक बार कुछ खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा नहीं की। ग्राहकों को कई चैनलों के जरिए अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की रिपोर्ट करने के लिए 24*7 एक्सेस प्रदान नहीं किया। इसके अलावा साइबर सुरक्षा स्ट्रक्चर के तहत आरबीआई द्वारा निर्धारित साइबर सुरक्षा नियंत्रण को लागू भी नहीं कर पाया। इस कार्रवाई का प्रभाव ग्राहकों ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे किसी लेनदेन या एग्रीमेंट पर नहीं पड़ेगा। खाताधारकों को चिंता की कोई जरूरत नहीं है।





