इन 5 बैंकों पर चला आरबीआई का डंडा, देना होगा लाखों का जुर्माना, ये है वजह, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

Manisha Kumari Pandey
Published on -
rbi action

RBI Action: इस हफ्ते की शुरुआत में ही रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पांच सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाने की घोषणा कर दी है। आरबीआई नियमों को लेकर सदैव सख्त रहता है। एनबीएफसी और बैंकों द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी करता रहता है। सोमवार को जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय बैंक ने 5 बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है।

इस बैंक पर लगा सबसे ज्यादा जुर्माना

आरबीआई ने सबसे ज्यादा जुर्माना गुजरात के वड़ोदरा में स्थित उमा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर लगाया है, पेनल्टी की राशि 7 लाख रुपये है। इस बैंक ने निर्धारित अंतर-बैंक प्रतिपक्ष जोखिम सीमा और अंतर-बैंक सकल एक्स्पोज़र सीमा का उल्लंघन किया है।

इन बैंकों पर लगा 2-2 लाख का जुर्माना

मिजोरम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड आइजोल पर गैर निष्क्रियता के लिए 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस बैंक का हाउसिंग फाइनेंस में कुल एक्स्पोज़र आरबीआई द्वारा निर्धारित किए गए लिमिट से ऊपर पाया गया। पिज पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, खेड़ा जिला गुजरात पर भी 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह बैंक खातों में जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने और केवाईसी से संबंधित गाइडलाइन का अनुपालन करने में विफल रहा।

इन बैंकों पर भी गिरी गाज

सिहोरी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड बनासकांठा जिला गुजरात पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने ऐसे लोन स्वीकृत किया है, जिसमें निदेशकों के रिश्तेदार गारंटर के रूप में खड़े हैं। इसके अलावा यह बैंक निर्धारित अंतर बैंक प्रतिपक्ष जोखिम सीमा का अनुपालन करने में भी असफल रहा। बीरभूम डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड 1 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह बैंक खातों के जोखिम वर्गीकरण आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा। सीआईसी में 7 में से तीन की सदस्यता भी प्राप्त नहीं कर पाया।

ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर

सभी बैंकों के खिलाफ रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4) ( i)1 और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) प्रावधानों के तहत एक्शन लिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई असर ग्राहकों और बैंकों के बीच हो रहे लेनदेन पर नहीं पड़ेगा।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News