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Tue, Dec 9, 2025

नियमों को लेकर RBI सख्त: इन 2 बैंको पर लगा मौद्रिक जुर्माना, कहीं इनमें आपका अकाउंट तो नहीं?

आरबीआई ने नियमों का उल्लंघन होने पर दो बैंको पर जुर्माना लगाया है। यह कदम ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। आइए जानें कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं और ग्राहकों पर इसका क्या असर पड़ेगा?
नियमों को लेकर RBI सख्त: इन 2 बैंको पर लगा मौद्रिक जुर्माना, कहीं इनमें आपका अकाउंट तो नहीं?

देशभर के सभी बैंकों और एनबीएफसी को रेगुलेट करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की है। बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए RBI अक्सर अक्सर सख्त कदम उठाता रहता है। नियमों में संशोधन भी करता रहता है। अगस्त में केंद्रीय बैंक के एक्शन का सिलसिला जारी है। नियमों का उल्लंघन होने पर दो बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है, यह फैसला ग्राहकों के हितों की रक्षा और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के विभिन्न प्रावधानों के तहत  लिया है।

किसी बैंक ने साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क तो किसी ने लोन से जुड़े नियम तोड़े हैं। मार्च 2024 में हुए एक निरीक्षण के दौरान नियमों की अनदेखी का पता चला था। इसके बाद दोनों बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। आरोपों की पुष्टि होने के बाद पेनल्टी लगाने का फैसला लिया गया। इस बात की जानकारी आरबीआई ने प्रेस व्यक्ति के जरिए दी है। आइए जानें इस  लिस्ट में कौन से बैंक शामिल हैं?

कासरगोड को-ऑपरेटिव टाउन बैंक 

केरल के कासरगोड में स्थित कासरगोड को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड पर 7 अगस्त 2025 को जारी आदेश के तहत एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है। इस पर यूसीबी और बेसिक साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क पर जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप है। बैंक ने कुछ सम्बद्ध उधारकर्ताओं को लागू समूह जोखिम सीमा से अधिक लोन और अग्रिम स्वीकृत किए। आरबीआई द्वारा निर्धारित साइबर सुरक्षा ढांचे के अंतर्गत कुछ साइबर सुरक्षा नियंत्रण उपायों को और आवश्यकताओं को लागू नहीं कर पाया।

नालगोंडा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक

तेलंगाना में स्थित द नालगोंडा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 2.50 लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है। इससे संबंधित आदेश आरबीआई ने 7 अगस्त को जारी किया था। इस बैंक ने निदेशकों से संबंधित लोन स्वीकृत किए। 31 मार्च 2024 को नाबार्ड द्वारा किए गए एक निरीक्षण के दौरान दिशा निर्देशों के उल्लंघन का खुलासा हुआ था।

जानकारी के लिए बता दें कि बैंकों के खिलाफ की गई है कार्रवाई  में नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है। ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे लेनदेन या किसी भी समझौते पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके बावजूद कस्टमर को समय-समय पर बैंक खातों की स्थिति चेक करने की सलाह दी जाती है। ताकि उन्हें बैंकिंग नियमों का पता चल सके और वे अपने अधिकारों को समझ सकें।