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Thu, Dec 18, 2025

फिर चला RBI का डंडा: इन 5 बैंको पर लगा भारी मौद्रिक जुर्माना, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं?

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आरबीआई ने 5 बैंको के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। नियमों का उल्लंघन होने पर पेनल्टी लगाई गयी है। इसकी जानकारी 14 अगस्त को केन्द्रीय बैंक ने दी है। आइए जानें क्या यह एक्शन ग्राहकों की चिंता भी बढ़ाएगा? 
फिर चला RBI का डंडा: इन 5 बैंको पर लगा भारी मौद्रिक जुर्माना, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं?

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने एक ही दिन 5 बैंकों के खिलाफ सख्ती दिखाई है। नियमों का सही से अनुपालन न करने के आरोप में भारी मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में शामिल चार बैंक गुजरात में स्थित हैं। वहीं एक बैंक महाराष्ट्र के औरंगाबाद में है। इस बात की जानकारी आरबीआई ने स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।

श्री भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (वडोदरा) पर 2.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पाटन में स्थित सरफदगंज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रूपये की पेनल्टी लगाई है। मेहसाणा में स्थित सर्वोदय कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 5 लाख रूपये और वडोदरा के द उमा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है। औरंगाबाद में स्थित महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक पर आरबीआई ने 4.20 लाख रूपये का जुर्माना लगाया है।

महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक ने तोड़े ये नियम

महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक पर ने कुछ फ्रॉड के मामले की रिपोर्ट नाबार्ड को देने में देरी की।इसके अलावा खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा के लिए एक सिस्टम स्थापित करने में विफल रहा, जिसकी आवधिकता 6 महीने में एक बार थी।

गुजरात के बैंको पर क्यों गिरी गाज?

  •  श्री भारत को-ऑपरेटिव बैंक ने आंतरिक लेखा परीक्षा की प्रणाली स्थापित नहीं। गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों की निरंतर पहचान करने और कुछ लोन और एडवांस को एनपीए के रूप में वर्गीकृत करने के लिए एक सिस्टम भी स्थापित नहीं कर पाया। इसके अलावा कुछ खातों जे जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा भी कर पाया, जिसकी आवधिकता कम से कम 6 महीने में एक बार थी।
  • सरफदगंज मर्केंटाइल बैंक ने चालू खाते के अलावा अन्य खातों में कुछ ब्याज मुक्त जमा स्वीकार की थी। 
  • सर्वोदय कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने केवाईसी समेत कई बैंकिंग नियमों का उल्लंघन किया। लाभ-हानि आधारित नियामक सीमा से अधिक दान दिया। लाभ हानि विवरण और बैलेंस शीट में अपने लाभ और परिसंपत्तियों को सही और निष्पक्ष तरीके से प्रस्तुत करने में विफल रहा। लेनदेन की एक साथ जांच के बजाय मासिक रूप से समवर्ती लेखा परीक्षा आयोजित की और रिपोर्ट देरी से प्रस्तुत की गई। कुछ गैर निष्पादित परिसंपत्तियों को उचित एनपीए श्रेणी में वर्गीकृत करने में भी बैंक विफल रहा। इसके अलावा खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा भी नहीं कर पाया।
  • द उमा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2024 तक आंतरिक लेखा परीक्षा करने में विफल रहा।

बैंको को नोटिस भी जारी किया गया था

पेनल्टी लगाने से पहले केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों के फाइनेंशियल स्टेटस को चेक करने के लिए एक इंस्पेक्शन किया था। इस दौरान नियमों में अनुपालन का खुलासा हुआ। इसके बाद सभी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। बैंकों की प्रतिक्रिया, दी गयी प्रस्तुतियों और दस्तावेजों के आधार पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला लिया। आरबीआई ने यह एक्शन बैंकिंग नियमों का सही से अनुपालन न होने पर लिया है। इसका उद्देश्य ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे ट्रांजैक्शन या एग्रीमेंट पर प्रभाव डालना नहीं है।