भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों का उल्लंघन करने पर महाराष्ट्र में स्थित प्राथमिक शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। 2 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। यह कदम आरबीआई ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 47ए(1)(सी), 46 (4)(i) और 56 के तहत प्रदान की गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उठाया है। एक्शन को लेकर 20 मई 2025 को आदेश जारी किया था।
आरबीआई ने बैंक के वित्तीय स्थित के संदर्भ में 31 मार्च 2024 को एक निरीक्षण किया था। इस दौरान नियमों के दिशानिर्देशों के अनुपालन में खामियों का खुलासा हुआ। जिसके बाद बैंक को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया और पूछा गया कि “नियमों का उल्लंघन करने पर उन पर जुर्माना क्यों ना लगाया जाए?” नोटिस पर प्राप्त प्रतिक्रिया और जांच के दौरान दी गई मौखिक प्रस्तुतियों और अन्य दस्तावेजों के आधार पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पेनल्टी लगाने का फैसला लिया।
इन नियमों का किया उल्लंघन (RBI Action)
इस बैंक ने वेतनभोगी प्राथमिक सहकारी बैंक होने के बावजूद बैंक ने वित्तीय रूप से सुदृढ़ और सुप्रसिद्ध (एफएसडब्ल्यूएम) मानदंडों को पूरा किए बिना गैर-सदस्यों को फिक्स डिपाजिट के विरुद्ध लोन प्रदान किया। इसके अलावा गैर-सदस्यों को गोल्ड लोन भी स्वीकृत किया।
ग्राहकों पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं?
जिन लोगों का खाता इस बैंक में है उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि इस एक्शन का प्रभाव उन पर नहीं पड़ेगा। इस बात की पुष्टि खुद आरबीआई ने की है। नोटिफिकेशन में केंद्रीय बैंक ने कहा कि, “यह कार्यवाही विनियामक अनुपालन में खामियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी ट्रांजैक्शन या एग्रीमेंट की वैधता पर प्रभाव डालना नहीं है। इसके अलावा आरबीआई द्वारा बैंक के खिलाफ शुरू की गई की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”





