एक्शन में RBI, नए साल से पहले रद्द हुआ इस बैंक का लाइसेंस, लगा ताला, कहीं इसमें आपका खाता तो नहीं?

आरबीआई ने एक बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसे जमा राशि स्वीकार करने या पुनर्भुगतान की इजाजत नहीं होगी। आइए जानें केन्द्रीय बैंक ने यह एक्शन क्यों लिया और ग्राहकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

Manisha Kumari Pandey
Published on -

RBI Action: वर्ष 2024 में भारतीय रिजर्व बैंकों 11 बैंकों लाइसेंस रद्द कर चुका है। अब इस लिस्ट में एक और बैंक शामिल हो चुका है। 27 दिसंबर के आदेश के तहतआरबीआई ने बिहार के वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड हाजीपुर का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंकिंग व्यवसाय 30 दिसंबर से बंद करने का आदेश जारी गया है।

आरबीआई ने बिहार से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परीसमापक नियुक्त करने से संबंधित आदेश जारी करने का अनुरोध भी किया है। लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक को न जमा  स्वीकार करने और ना ही जमा का पुनर्भुगतान की अनुमति नहीं होगी।

आरबीआई ने क्यों रद्द किया लाइसेंस? (Bank License Cancelled)

केंद्रीय बैंक ने बताया कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं है। ऐसे में बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं होता। बैंक का चालू रहना इसके जमाकर्ताओं के लिए हानिकारक है। अपनी स्थिति में वर्तमान जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान भी नहीं कर सकता। यदि इस कारोबार को आगे रखने की अनुमति दी जाती है तो इसका प्रभाव जनहित पर पड़ेगा।

ग्राहक निकाल पाएंगे इतने पैसे (Reserve Bank Of India)

डीआईसीजीसी अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अधीन प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त कर सकता है। बैंक द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार 98.87% जमाकर्ता अपनी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार है। हालांकि डीआईसीजीसी 5832.80 लाख रुपये का जमा राशियों का भुगतान कर चुका है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News