रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने डिपॉजिट अकाउंट, सेफ डिपॉजिट लॉकर्स और सेफ कस्टडी में रखे गए चीजों के लिए नए नियम 1 नवंबर से लागू होने वाले हैं। आरबीआई ने कुछ जरूरी गाइडलाइंस 28 अक्टूबर को जारी की है। जिसका पालन सभी बैंकों को करना होगा। प्रत्येक बैंक को जमा खातों में नामांकन सुविधा प्रदान करनी होगी। सुरक्षित लॉकरों और सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं के में नामांकन के मामले भी यह लागू होगा।
सभी बैंकों के पास अपने पुस्तकों में नामांकन के ग्राहकों को नामांकन के पंजीकरण/ निरस्तीकरण और बदलाव को दर्ज करने के लिए उपयुक्त सिस्टम और प्रक्रिया होनी चाहिए। समकालीन नामांकन के मामले में यदि किसी नॉमिनी की बैंक से जमा राशि प्राप्त करने से पहले ही मौत हो जाती है तो केवल ऐसे नॉमिनी के संबंध में नामांकन और प्रभावी हो जाएगा। बैंक ऐसे नॉमिनी के पक्ष में की गई जमा राशि के दावों का निपटान समय पर आरबीआई निर्देश 2025 के निहित नमिक खातों के लिए लागू प्रावधानों के अनुसार करेंगे। यदि किसी अन्य कानून के तहत नामांकन के आधार पर व्यक्तियों को भुगतान किया जाता है तो बैंक अधिनियम के प्रावधानों के तहत उनमोचन का दवा नहीं कर सकता।

नॉमिनी न बनाने का विकल्प भी मिलेगा
आरबीआई के निर्देश अनुसार बैंक ग्राहकों को नामांकन न करने का विकल्प भी देंगे। खाता खोलते समय बैंकग्राहक को नामांकन सुविधा की उपलब्धता और उद्देश्य के बारे में स्पष्ट रूप से सूचित करेंगे। और इसका लाभ उठाने का विकल्प ऑफर करेंगे। ग्राहक को नामांकन सुविधा के लाभों के बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा। यदि ग्राहक पूरी जानकारी होने के बाद नॉमिनेशन सुविधा का लाभ नहीं उठाना चाहता तो बिना किसी प्रतिबंध के जमा खाता खोलने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
खाता खोलते समय व्यक्ति से लिखित घोषणा प्राप्त करनी होगी। उसे नामांकन सुविधा की जरूरत नहीं है इसकी पुष्टि करनी होगी। जिसे बैंक अपने रिकॉर्ड में दर्ज करेगा। नामांकन करने से इनकार करने के आधार पर खाता खोलने से इनकार नहीं किया जा सकता, न ही इसमें देरी की जाएगी।
बैंकों को करना होगा इन नियमों का भी पालन
नॉमिनेशन के निरस्तीकरण या बदलाव के नियमों के तहत भरे गए प्रपत्र की प्राप्ति की पुष्टि के लिए उचित सिस्टम को बैंक डेवलप करेंगे। अपने ग्राहकों को पावती प्रदान करने से पहले यह सत्यापित और सुनिश्चित करेंगे कि उनके द्वारा किया गया नॉमिनेशन अधिनियम और नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुरूप है। ऐसी पावती ग्राहकों को पंजीकरण नामांकन रद्दीकरण या नामांकन में बदलाव के प्रपत्र प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर दी जाएगी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कस्टमर ने रिक्वेस्ट किया है या नहीं। नियमों के अनुरूप यदि इसे रिजेक्ट कर दिया जाएगा और तो बैंक अनुरोध प्रपत्र प्राप्त होने के तीन दिनों के भीतर ग्राहक को लिखित रूप से इसकी जानकारी देंगे।
पासबुक और एफडी रसीद में नामांकन का विवरण या नॉमिनी का नाम भी होना चाहिए। बैंक पासबुक और टीडीआर के मुखपृष्ट पर “नामांकन पंजीकृत” अंकित करके नामांकन पंजीकरण की स्थिति दर्ज करेंगे। साथ ही नॉमिनी का नाम भी दिखना चाहिए। लॉकर किरायेदारों, सुरक्षित अभीरक्षा में रखी वस्तुओं के जमाकर्ताओं को नामांकन सुविधा के लाभों के बारे में व्यापक प्रचार और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
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