MP Breaking News
Tue, Dec 16, 2025

4 जून से RBI MPC बैठक शुरू, लोन लेने वालों को मिल सकती है राहत, रेपो रेट में कटौती की उम्मीद, 6 जून को आएगा फैसला, देखें खबर 

Published:
Last Updated:
आरबीआई एमपीसी बैठक 4 से 6 जून तक चलेगी। एक बार फिर रेपो रेट में कटौती की उम्मीद है। दरें घटकर 6% से कम हो सकती है। जिसका सीधा असर लोन और ईएमआई पर पड़ेगा।
4 जून से RBI MPC बैठक शुरू, लोन लेने वालों को मिल सकती है राहत, रेपो रेट में कटौती की उम्मीद, 6 जून को आएगा फैसला, देखें खबर 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हर दो महीने में मौद्रिक नीति समिति की बैठक का आयोजन करता है। जिसे अध्यक्ष आरबीआई गवर्नर होते हैं। मीटिंग तीन दिन चलती है। इस दौरान महंगाई, रेपो रेट और अर्थव्यवस्था से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होती है। 4 जून से आरबीआई एमपीसी बैठक की शुरुआत होगी। 6 जून को सुबह 10 बजे समिति द्वारा लिये गए फैसलों का ऐलान होगा।

अप्रैल में एमपीसी ने रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती की थी। वर्तमान में दरें 6% है। उम्मीदवार है कि RBI लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में गिरावट का ऐलान करेगा। एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग का कहना कि “दरों में 0.50% कटौती की संभावना है। यह कदम ऋण चक्र को फिर से सक्रिय कर सकता है। साथ ही मार्केट की अनीनिश्चिताओं का निपटान करने में भी मददगार साबित हो सकता है।” वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक जून में नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना है।

आमजन को मिल सकती है राहत (RBI MPC Meeting)

फरवरी 2025 में एमपीसी बैठक में अर्थव्यवस्था में धीमी वृद्धि को देखते हुए रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती की गई है। दरें 6.50% से घटकर 6.25% हो गई थी। अप्रैल में नीतिगत दरों में दोबारा 25 बीपीएस की कटौती की गई। जिसके बाद कई सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने एफडी और लोन के ब्याज दरों में बदलाव किया है। यदि जून में भी दरों में गिरावट आती है, तो इससे लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिल सकती है। ईएमआई का बोझ भी कम हो सकता है।

महंगाई और जीडीपी ग्रोथ पर भी होगी चर्चा

एमपीसी बैठक में महंगाई और विकास दोनों पर चर्चा होगी। दोनों मापदंडों के लिए पूर्वानुमानों में बदलाव की संभावना है। चालू वित्तवर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4% नीचे रहने का अनुमान है। खाने-पीने की चीजों के दाम में नरमी को देखते हुए खुदरा महंगाई दर का अनुमान कम हो सकता है। वित्तवर्ष 2026 के रिटेल इंफ्लेशन का अनुमान 4% से घटकर 3.8% हो सकता है। वहीं जीडीपी ग्रोथ का का अनुमान 6.5 फीसदी रह सकता है।