3 दिसंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इतिहास में पहली बार रुपया 90 के स्तर को पार कर गया। शुरुआती कारोबार के दौरान ही 9 पैसे की गिरावट नजर आई, जिसके चलते 90.05 के रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर रुपया खुला। यह स्तर आप सभी को हैरानी में डाल रहा है। इस स्तर ने रुपए पर और दबाव बढ़ा दिया है। रिपोर्ट्स के माने तो रुपए के गिरने का सबसे बड़ा कारण अमेरिका के साथ ट्रेड डील में देरी और कमजोर व्यापारिक गतिविधियों को माना जा रहा है।
जबकि पिछले दिन मंगलवार 2 दिसंबर को रुपए ने इंट्राडे में भी नया रिकॉर्ड छुआ था। इंट्राडे में रुपया ने 89.9475 का स्तर छुआ था, जो एक रिकॉर्ड था। जबकि मार्केट बंद होने के बाद रुपया इंटर बैंक प्लेटफॉर्म पर भी 90 प्रति डॉलर के लेवल को पार कर गया। लगातार पांचवां सत्र है जब रुपए में गिरावट देखने को मिली है।
क्यों रुपए में हो रही लगातार गिरावट?
हालांकि रुपए के लगातार कमजोर होने के चलते सभी के मन में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर इसके कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण क्या है। रिपोर्ट्स के माने तो इसका सबसे बड़ा कारण अमेरिका के साथ हुई ट्रेड डील में देरी है। भारत-अमेरिका ट्रेड बातचीत में रुकावट और भारी एफआईआई आउटफ्लो के कारण इस पर दबाव पड़ना भी कारण है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को नेशनलाइज्ड बैंकों ने जोरदार तरीके से डॉलर खरीदे, जिसके चलते ट्रेडिंग के बाद डॉलर की कीमत 90.0050 तक पहुंच गई। हालांकि रुपए की यह गिरावट आरबीआई को चिंता में जरूर डाल सकती है। देखना होगा कि अब आरबीआई क्या निर्णय लेता है और किस तरह से हस्तक्षेप करता है।
शेयर बाजार में भी गिरावट
वहीं शेयर बाजार पर नजर डालें तो 3 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। हफ्ते के लगातार तीसरे दिन बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 350 अंक गिरकर 84800 के स्तर पर नजर आया, जबकि निफ्टी ने 125 अंकों की गिरावट लेकर 25900 के स्तर पर कामकाज किया। 3 दिसंबर को एफएमसीजी, बैंकिंग, ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। हालांकि आईटी, मेटल और फार्मा सेक्टर तेजी के साथ कारोबार करते हुए नजर आए। जबकि 2 दिसंबर को शेयर बाजार में कारोबार में गिरावट नजर आई थी। बीते दिन सेंसेक्स ने 503 अंकों की गिरावट लेकर 85138 के स्तर पर कारोबार बंद किया था, जबकि निफ्टी ने 143 अंकों की गिरावट लेकर 26032 के स्तर पर कारोबार बंद किया था।





