भारतीय रुपया 22 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.98 पर बंद हुआ। इस गिरावट की मुख्य वजह कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और आयात-निर्यात में आई गिरावट रही। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपया दिन की शुरुआत में 86.02 पर खुला और कारोबार के अंत में 85.98 पर बंद हुआ। इससे पहले मंगलवार को रुपया 16 पैसे मजबूत होकर 85.76 पर बंद हुआ था।
डॉलर इंडेक्स मजबूत, एशियाई मुद्राएं कमजोर
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के हेड अनिल कुमार भंसाली का कहना है कि डॉलर इंडेक्स की मजबूती के कारण एशियाई मुद्राएं कमजोर हुईं, जिससे भारतीय रुपया भी दबाव में आ गया। हालांकि विदेशी पूंजी प्रवाह (Foreign Capital Inflow) की वजह से रुपया ज्यादा नहीं टूटा। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही भारत का व्यापार घाटा कम हुआ है, लेकिन आयात-निर्यात दोनों में गिरावट का मतलब है कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो रही है।
शेयर बाजार में भी दिखी गिरावट
रुपए की कमजोरी के साथ-साथ घरेलू शेयर बाजार पर भी इसका असर देखने को मिला। बीएसई सेंसेक्स 103.16 अंक गिरकर 82,467.75 पर आ गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 56.75 अंक गिरकर 25,139.05 पर पहुंचा। बाजार में यह गिरावट रुपये की कमजोरी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और वैश्विक संकेतों के कारण आई। इंटरनेशनल ब्रेंट क्रूड की कीमत में 0.22% की तेजी रही और यह 68.86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
विदेशी निवेश से मिली थोड़ी राहत
हालांकि, बाजार और मुद्रा दोनों पर दबाव बना रहा, लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की खरीददारी ने बाजार को कुछ राहत दी। मंगलवार को एफआईआई ने शुद्ध रूप से 120.47 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे बाजार को सपोर्ट मिला। इसके साथ ही अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में 0.01 प्रतिशत की हल्की गिरावट दर्ज हुई और यह 98.60 पर पहुंच गया।





