बैंक में खाता खुलवाने के बाद एक निश्चित राशि को रखना जरूरी होता है। यह अमाउन्ट खाते के प्रकार और क्षेत्र पर निर्भर करता है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए लिमिट अलग होती है। कई बैंक मिनिमम राशि न होने पर जुर्माना लगाते हैं। हाल ही में कई बैंकों ने ग्राहकों को राहत दी है। नियमों में बदलाव किया है। न्यूनतम राशि (AMB) की चिंता दूर कर दी है। यदि कोई व्यक्ति खाते में निर्धारित सीमा से कम पैसे रखता है तब भी जुर्माना नहीं लगेगा।
इस लिस्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, केनरा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई है। संशोधन के बाद ग्राहकों को हर महीने एएमबी मेंटेन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न ही बार-बार बैलेंस चेक करना पड़ेगा। बैंकिंग सुलभ होगा। स्टूडेंट्स, वरिष्ठ नागरिकों और कम आय वाले लोगों को राहत मिलेगी।
जुलाई में इन 4 बैंकों ने बदले नियम (Savings Account Rules)
- बैंक ऑफ बड़ौदा ने सभी स्टैन्डर्ड सेविंग अकाउंट के लिए न्यूनतम बैलेंस की जरूरत खत्म कर दी है। नए नियम 1 जुलाई 2025 लागू हैं। हालांकि यह बदलाव प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट पर लागू नहीं होता।
- बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने 7 जुलाई को सेविंग्स अकाउंट के ब्याज दरों में बदलाव किया है। साथ ही मिनिमम बैलेंस न होने पर लगने वाली पेनल्टी को भी हटाने का ऐलान किया है। इसके अलावा लोन के इंटरेस्ट रेट में भी 50 बीपीएस तक की कटौती हुई है।
- इंडियन बैंक ने भी खाते में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत को खत्म कर दिया है। सभी खातों पर यह नियम लागू होगा। जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा।
- इस लिस्ट में पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल है। 1 जुलाई से नए नियम प्रभावी हैं। निश्चित राशि से कम पैसे होने पर भी जुर्माना नहीं लगेगा। वर्तमान में 10 रुपये से कम के डिपॉजिट पर 2.50% ब्याज मिल रहा है।
ये दो बैंक पहले ही कर चुके हैं ऐलान
एएमबी को हटाने वाला सबसे पहला सरकारी बैंक एसबीआई है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2020 में ही न्यूनतम बैलेंस न होने पर लगने वैक शुल्क हटा दिया था। वहीं मई 2025 में पब्लिक सेक्टर के केनरा बैंक ने नियमों में बदलाव किया था। रेगुलर, सैलरी और एनआरआई खातों के लिए पेनल्टी का प्रावधान खत्म कर चुका है।





