SBI Rate Hike: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), ने आज अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। दरअसल एसबीआई ने विभिन्न ऋणों पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है, जो आज से प्रभावी हो गई हैं। इसका मतलब है कि अब एसबीआई से लोन लेने वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज चुकाना पड़ेगा।
ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी
दरअसल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है कि बैंक ने अपने एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) में परिवर्तन किया है। जानकारी के अनुसार इस परिवर्तन के तहत एमसीएलआर में 5 से 10 बेसिस पॉइंट्स (बीपीएस) की वृद्धि की गई है। इसका अर्थ है कि एमसीएलआर में 0.05% से 0.10% तक की बढ़ोतरी हुई है। ये नई दरें 15 जुलाई से लागू हो गई हैं।
ईएमआई में वृद्धि की संभावना
जानकारी के अनुसार एसबीआई, जो कि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, ने एमसीएलआर में वृद्धि करने से उसके विभिन्न लोन प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। इससे लाखों ग्राहकों पर ब्याज का बोझ बढ़ेगा और उन्हें अधिक ईएमआई का भुगतान करना पड़ सकता है।
एसबीआई द्वारा इन दरों में बढ़ोतरी की गई
जानकारी के अनुसार एक महीने के ऋण अवधि के लिए एमसीएलआर को 5 बीपीएस बढ़ाकर 8.35% कर दिया गया है। तीन महीने के ऋण अवधि के लिए एमसीएलआर में 10 बीपीएस की बढ़ोतरी के साथ इसे 8.4% कर दिया गया है। छह महीने की ऋण अवधि पर एमसीएलआर को 10 बीपीएस बढ़ाकर 8.75% किया गया है। एक साल की ऋण अवधि के लिए एमसीएलआर को 10 बीपीएस बढ़ाकर 8.85% कर दिया गया है। दो साल की ऋण अवधि पर एमसीएलआर में 10 बीपीएस की वृद्धि के साथ इसे 8.95% कर दिया गया है। तीन साल की ऋण अवधि के लिए एमसीएलआर को 5 बीपीएस बढ़ाकर 9% कर दिया गया है।
होम लोन ग्राहकों के लिए राहत
वास्तव में एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) वह दरें हैं जिनसे नीचे बैंक ब्याज दरें प्रदान नहीं कर सकते। हालांकि, एसबीआई के होम लोन ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि एमसीएलआर बढ़ने के बावजूद उनकी ब्याज दरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एसबीआई के होम लोन की ब्याज दरें एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स (ईबीएलआर) पर निर्भर होती हैं, और फिलहाल एसबीआई ने ईबीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया है।