सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा SME स्टॉक्स में निवेश करने वाले निवेशकों को एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की गई है। दरअसल 28 अगस्त 2024 को जारी इस सलाह में SEBI ने निवेशकों को सावधान रहने और SME स्टॉक्स में निवेश करने से पहले पूरी तरह से सतर्क रहने की हिदायत दी है।
दरअसल SEBI ने निवेशकों से एक अपील की है कि वे अनजाने सोशल मीडिया पोस्ट्स, अफवाहों और अज्ञात स्रोतों से प्राप्त निवेश सुझावों पर भरोसा न करें। यह दर्शाता है कि SEBI का यह कदम निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें संभावित वित्तीय जोखिमों से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
जानिए क्या कहना है SEBI का
हालांकि, SEBI द्वारा दी गई यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब SME (स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) स्टॉक्स में निवेश का रुख तेजी से बढ़ रहा है। दरअसल 2012 में SME सेगमेंट की शुरुआत के बाद से ही, इन स्टॉक्स ने निवेशकों को अपने आकर्षक रिटर्न्स के कारण अपनी और खींचा है। वहीं SEBI का कहना है कि अक्सर SME कंपनियां और उनके प्रमोटर्स, लिस्टिंग के बाद, अपने ऑपरेशंस और बिजनेस प्रोजेक्ट्स को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं, जिससे निवेशकों के बीच सकारात्मक भावना उत्पन्न होती है और वे इन शेयरों में निवेश करने के लिए प्रेरित होते हैं।
SME कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए
वहीं SEBI ने हाल ही में उन SME कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, जिनके प्रमोटर्स लिस्टिंग के बाद अपने शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए अनुचित तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे। जानकारी के अनुसार इन प्रमोटर्स पर आरोप है कि ये प्रमोटर्स निवेशकों में सकारात्मक धारणा बनाने के लिए गलत या अतिशयोक्तिपूर्ण घोषणाओं का सहारा लेते हैं, और जब शेयर की कीमतें ऊपर चली जाती हैं, तो वे अपनी होल्डिंग्स को ऊंची कीमत पर बेच देते हैं। इस प्रकार की अवैध गतिविधियों से बचने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए SEBI ने सख्त कार्रवाई की है और इन मामलों के आदेश अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किए हैं।
दरअसल SEBI ने 2012 में SME प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य उभरते व्यवसायों को पूंजी जुटाने का एक मंच प्रदान करना था। वहीं तब से, इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेशकों की भागीदारी और SME इश्यू की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। जानकारी के अनुसार पिछले एक दशक में, SME प्लेटफॉर्म्स के जरिए कुल 14,000 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं, जिसमें से 6,000 करोड़ रुपये अकेले वित्तीय वर्ष 2023-24 में एकत्र किए गए हैं।