Share Market: रातों रात करोड़पति बन गई बेंगलुरु की एक महिला, दादाजी के 20 साल पहले खरीदे हुए शेयरों ने किया कमाल

Share Market: कल्पना कीजिए कि आप एक झटके में करोड़पति बन जाते हैं, बिना कुछ किए। यह सुनने में भले ही अविश्वसनीय लगे, लेकिन कभी-कभी जीवन में ऐसे चमत्कार भी हो जाते हैं। दरअसल बेंगलुरु की प्रिया शर्मा के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। उनके दादाजी द्वारा 20 साल पहले खरीदे गए शेयर आज उन्हें करोड़पति बना गए।

Rishabh Namdev
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Share Market: अक्सर कई लोग अपने जीवन में एक बार तो यह सपना देखते ही हैं कि वह रातो रात अमीर बन गए हैं। लेकिन अगर यह कहा जाए की यह सच में हुआ है तो आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह बात एकदम सच है। दरअसल बेंगलूर की एक महिला के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बेंगलुरु की प्रिया शर्मा रातो रात करोड़पति बन गई है। इस खबर में हम आपको बतांएगे यह कैसे हुआ।

जानिए किस कंपनी के शेयर खरीदे थे

दरअसल बेंगलुरु की प्रिया शर्मा के दादाजी एक व्यवसायी थे। उन्होंने 2004 में शेयर बाजार में निवेश करने का फैसला किया और लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) के 500 शेयर खरीद लिए। समय बीतने के साथ इन शेयरों का मूल्य बढ़ता गया, लेकिन परिवार इस निवेश को भूल गया था।

2020 में, जब कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन हुआ, प्रिया घर लौटीं। अपने दादाजी के पुराने दस्तावेजों को देखते समय उन्हें वे शेयर सर्टिफिकेट मिले जो उनके दादाजी ने खरीदे थे। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पल था।

बोनस के कारण हो गए इतने शेयर

जानकारी दे दें कि शेयर बाजार में शेयर स्प्लिट और बोनस का विशेष महत्व होता है। प्रिया के दादाजी द्वारा खरीदे गए 500 शेयर अब बढ़कर 4500 हो गए थे। इसका कारण था कि समय-समय पर कंपनी ने बोनस शेयर और स्टॉक स्प्लिट किए थे। अब इन शेयरों का कुल मूल्य 1.72 करोड़ रुपये हो चुका था।

ऐसे प्राप्त किया पैसा

हालांकि, करोड़पति बनने का यह सफर इतना आसान नहीं था। प्रिया को इन पुराने शेयरों का पैसा प्राप्त करने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। सबसे पहले, उन्हें मुंबई में प्रोबेट प्रक्रिया को शुरू करना पड़ा। बता दें कि प्रोबेट एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी व्यक्ति की वसीयत को अदालत द्वारा प्रमाणित किया जाता है।

प्रिया ने ‘शेयर समाधान’ नामक संस्था से संपर्क किया, जो ऐसे मामलों में विशेषज्ञता रखती है। उन्होंने अपने दादाजी की वसीयत को कानूनी प्रक्रिया के तहत प्रोबेट किया। इसके बाद, उन्होंने लार्सन एंड टुब्रो से संपर्क किया, जहाँ कंपनी ने उन्हें कई औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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