जिम साइमन को ट्रेडिंग का जादूगर कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने गणितीय ज्ञान के आधार पर कई महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजी विकसित कि, उन्होंने क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग की दुनिया में क्रांति ला दी थी। साइमन एक प्रसिद्ध माथेमैटिशन थे और साथ ही एक सफल फंड मैनेजर भी थे।
जिम साइमन दुनिया के गिने-चुने निवेशकों में से एक हैं, जिन्होंने शेयर बाजार में अपनी अनूठी रणनीति से सफलता हासिल की। हालांकि, उन्हें कोई आधिकारिक उपाधि नहीं दी गई थी, लेकिन लोग उन्हें “क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग का जादूगर” या “ट्रेडिंग का जादूगर” कहने लगे। उनके ऊपर एक प्रसिद्ध किताब “The Man Who Solved the Market” भी लिखी गई है, जिसे उन लोगों को जरूर पढ़ना चाहिए जो शेयर बाजार में रुचि रखते हैं और इसमें अपना भविष्य शेयर बाजार मे बनाना चाहते हैं।

अल्गो ट्रेडिंग के पिता माने जाते थे
जिम साइमन ने 1982 में रेनैसां टेक्नोलॉजीज (Renaissance Technologies) की स्थापना की, जिसका प्रमुख हेज फंड मेडेलियन फंड गणितीय मॉडल और डेटा साइंस पर बेस्ड था। उन्होंने ऐसे एल्गोरिदम विकसित किए, जो बिना किसी मानवीय दखलअंदाजी के ट्रेडिंग के फैसले ले सकते थे। साइमन ने अपनी टीम में गणितज्ञों, फिजिसियन और कंप्यूटर वैज्ञानिकों को शामिल किया, जिन्होंने इन एल्गोरिदम को बनाने में मदद की।
66% तक दिया था सालाना रिटर्न
जिम साइमन का मेडेलियन फंड इतिहास का सबसे सफल हेज फंड माना जाता है, जिसने अपने शुरुआती सालो मे लगभग 66% सालाना रिटर्न दिया था। हालांकि, निवेशकों को शुल्क के बाद लगभग 39% रिटर्न मिला। साइमन का काम करने का तरीका पूरी तरह से एल्गोरिदम और गणितीय मॉडलों पर बेस्ड था, जिससे उनके फैसलों में किसी तरह की मानवीय भावनाएं नहीं आती थीं। उनकी यह ट्रेडिंग करने की स्ट्रेटेजी इतनी सफल रही कि बाद में उन्होंने अपने फंड को बाहरी निवेशकों के लिए बंद कर दिया और केवल अपने कर्मचारियों के लिए ही ट्रेडिंग की अनुमति दी।
वर्त्तमान में जितनी भी ऑटोमेटेड और एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग है,उनमें से अधिकतर जिम साइमन के अल्गोरिथम्स पर ही बेस्ड हैं। उन्होंने यह कर के दिखाया दिखाया कि यदि कोई व्यक्ति बिना किसी भावनात्मक दखलंदाजी के पूरी तरह से डेटा और गणित पर बेस्ड ट्रेडिंग अल्गो का उपयोग करता है, तो वह शेयर बाजार में असामान्य सफलता हासिल कर सकता है।