Mon, Dec 29, 2025

Success Story: रोज 80 रुपये कमाने वाले दादा साहेब भगत ने ऐसे बदली अपनी किस्मत, आज बन चुके हैं करोड़ों के मालिक

Written by:Sanjucta Pandit
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Success Story: रोज 80 रुपये कमाने वाले दादा साहेब भगत ने ऐसे बदली अपनी किस्मत, आज बन चुके हैं करोड़ों के मालिक

Dada Saheb Bhagat Success Story : कहते हैं अगर सच्चे दिल से मेहनत की जाए, तो इंसान अपनी किस्मत खुद बदल सकता है। जिंदगी में चाहे कितनी मुश्किल आए, उसका डटकर सामना करने वालों को कभी निराशा हाथ नहीं लगती। ऐसी ही दिलचस्प सक्सेस स्टोरी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जो रोज के 80 रुपये कमा कर दिन-रात मेहनत करता था और आज वह जिंदगी के उस मुकाम को हासिल कर चुका है, जहां तक पहुंचना हर किसी के लिए संभव नहीं है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं Ninthmotion और DooGraphics के को-फाउंडर दादा साहब फाल्के की, जिन्होंने दिन में चपरासी की नौकरी की और रात में पढ़ाई कर अपने भाग्य को बदल दिया। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि खुद प्रधानमंत्री भी इनके हौसले की तारीफ कर चुके हैं।

महाराष्ट्र के बिड में हुआ जन्म

दादा साहब भगत का जन्म साल 1994 में महाराष्ट्र के बिड में हुआ, यहां उन्होंने शुरुआती शिक्षा ग्रहण करने के बाद पुणे से IT की डिग्री हासिल की। हालांकि, उनकी फैमिली इतनी ज्यादा पैसे वाली नहीं थी। इसलिए उन्हें एक अच्छी नौकरी की तलाश थी। इस दौरान उन्होंने एक गेस्ट हाउस में रूम सर्विस बॉय के तौर पर नौकरी की और अपनी फीस भरी। यहां वह उन्हें रोज का 80 रुपये मिलता था। उन्हें झाड़ू-पोछा भी करना पड़ता था, लेकिन वह कभी भी इस काम से पीछे नहीं हटे।

ऑफिस बॉय की नौकरी

साल 2009 में दादा साहेब शहर चले गए, जहां उन्हें इंफोसिस कंपनी में 9 हजार रुपये की जॉब मिली। इस दौरान उन्होंने ऑफिस बॉय का रोल निभाया, वहां काम करने के बाद वह रात में ग्राफिक डिजाइनिंग और एनीमेशन की पढ़ाई करने लगे। नौकरी करने के साथ-साथ उन्होंने C++ और Python का कोर्स किया, क्योंकि अक्सर वह लोगों को देखते थे जो कंप्यूटर पर काम करते थे और खूब पैसे कमाते थे, तभी उनके मन में यह इच्छा जागी कि वह भी कंप्यूटर सीख कर कुछ बड़ा करें, लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था।

हादसे ने बदली किस्मत

दरअसल, यह हादसे का शिकार हो गए थे। इस कारण उन्हें नौकरी छोड़कर अपने घर वापस जाना पड़ा, जहां वह करीब 3 महीने रहे। हालांकि, इस दौरान भी उनका जुनून काम नहीं हुआ और वह अपने दोस्त का लैपटॉप किराए पर लेकर टेंपलेट्स बनाने लगे। केवल इतना ही नहीं, वह सोशल मीडिया पर इसे बेचना भी शुरू कर दिया। इससे उन्हें इतनी ज्यादा कमाई होने लगी की वह साल 2016 में खुद की कंपनी शुरू की। जिसका नाम उन्होंने Ninthmotion रखा। बाद में उन्होंने एक और कंपनी की शुरुआत की, जिसका नाम उन्होंने DooGraphics रखा।

दादा साहेब भगत की नेट वर्थ

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दादा साहेब भगत की नेटवर्थ करोड़ों में है। वहीं, कंपनी के पास 40 हजार से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। इस कंपनी में ऑनलाइन ग्राफिक्स डिजाइनिंग का नया सॉफ्टवेयर बनाया जो बिल्कुल Canava जैसा है। इन्हें कई मल्टीनेशनल कंपनियों से ऑफर भी मिल चुका है। विदेश के भी क्लाइंट इस कंपनी से जुड़े हुए हैं।