सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) और इंडस टावर्स (Indus Towers) द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल इस याचिका में टेलीकॉम विभाग द्वारा एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया की गणना को चुनौती दी गई थी। हालांकि कोर्ट के इस फैसले का टेलीकॉम सेक्टर और निवेशकों पर बड़ा प्रभाव दिखाई दे सकता है। वहीं आज इस निर्णय के बाद, वोडाफोन आइडिया के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली है।
दरअसल AGR विवाद की जड़ें तब शुरू हुईं जब दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से उनकी कुल आय (ग्रॉस रेवेन्यू) के आधार पर शुल्क का भुगतान करने की मांग की गई। वहीं टेलीकॉम कंपनियों ने इस पर आपत्ति जताई और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहीं 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने DoT की गणना को सही मानते हुए टेलीकॉम कंपनियों को बकाया राशि चुकाने का आदेश जारी कर दिया। जिसके बाद से ही AGR बकाया टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
जानिए क्या है पूरा विवाद?
बता दें कि वोडाफोन आइडिया, जो पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही थी, अब इस फैसले के चलते और अधिक दबाव में आ गई। जानकारी के अनुसार कंपनी पर बड़ी राशि का बकाया था और वह अपनी लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क का भुगतान करने में कठिनाई का सामना कर रही थी। इसके बाद, जुलाई 2024 में वोडाफोन आइडिया और इंडस टावर्स ने सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले को चुनौती देते हुए क्यूरेटिव याचिका दायर की थी।
शेयर बाजार पर दिखाई दिया इस फैसले का असर
दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज हो जाने के बाद, वोडाफोन आइडिया और इंडस टावर्स के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। जानकारी के अनुसार वोडाफोन आइडिया का शेयर 20% गिरकर 10.36 रुपये पर पहुंच गया, जबकि वर्तमान में यह 15.58% की कमी के साथ 10.89 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। वहीं इंडस टावर्स के शेयर में 15% की गिरावट आई, जिससे इसका मूल्य 366.35 रुपये हो गया, हालांकि यह अब 386.85 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसके विपरीत, भारती एयरटेल के शेयर में 2.50% की बढ़त देखने को मिली हैं।