Mon, Dec 29, 2025

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने Q1 FY26 में किया 6% प्रॉफिट ग्रोथ लेकिन रेवेन्यू गिरा, क्या BSNL की डील खड़ी करेगी कम्पनी के लिए बड़ी मुसीबत?

Written by:Ronak Namdev
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TCS Q1 FY26 में 6% प्रॉफिट ग्रोथ के साथ 12,760 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया, लेकिन रेवेन्यू 1.6% गिरकर 63,437 करोड़ रहा। BSNL डील का रैंप-डाउन इसकी बड़ी वजह। क्या ये डील TCS के लिए मुसीबत बनेगी? जानिए रिजल्ट्स की डिटेल्स, डील विन्स और FY26 का आउटलुक।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने Q1 FY26 में किया 6% प्रॉफिट ग्रोथ लेकिन रेवेन्यू गिरा, क्या BSNL की डील खड़ी करेगी कम्पनी के लिए बड़ी मुसीबत?

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने फाइनेंशियल ईयर 2026 की पहली तिमाही (Q1) के रिजल्ट्स 10 जुलाई 2025 को जारी किए। कंपनी का नेट प्रॉफिट 6% बढ़कर 12,760 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की Q1 में 12,040 करोड़ रुपये था। लेकिन रेवेन्यू 1.6% गिरकर 63,437 करोड़ रुपये रहा, जो Q4 FY25 में 64,479 करोड़ था। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह BSNL डील का रैंप-डाउन है। कंपनी ने 11 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड भी अनाउंस किया, जो 4 अगस्त को मिलेगा। क्या ये डील TCS के लिए लंबे वक्त तक टेंशन बन सकती है?

इस पीरियाड में 9.4 बिलियन डॉलर की डील्स साइन की हैं, जो पिछले साल की Q1 से अधिक हैं। लेकिन BSNL डील, जिसमें इंडिया बिजनेस का एक बड़ा हिस्सा था, अब समाप्त हो रही है। इससे इंडिया मार्केट में 21.7% की गिरावट देखि गई। वही CEO के।. कृतिवासन ने बताया कि ग्लोबल डिमांड में गिरावट और जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने रेवेन्यू पर प्रभाव डाला। अभी भी, AI, क्लाउड और जेन-AI में डील्स की डिमांड बढ रही है, जो TCS को सपोर्ट करती दिख रही हैं।

BSNL डील का रैंप-डाउन और इसका प्रभाव

BSNL डील टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए एक बड़ा रेवेन्यू सोर्स थी, लेकिन इसका रैंप-डाउन अब बिजनेस पर भारी पड़ रहा है। इस डील ने कंपनी को इंडिया में बड़ा बूस्ट दिया था, खासकर 4G और 5G रोलआउट में। लेकिन अब ये प्रोजेक्ट पूरा होने की कगार पर है, जिससे रेवेन्यू में कमी आई। इंडिया बिजनेस में 21.7% की गिरावट इसका सबूत है, हालांकि कंपनी का कहना है कि ये टेंपरेरी सेटबैक है। BFSI सेगमेंट में 2.5% ग्रोथ और 9.4 बिलियन डॉलर की नई डील्स ने रेवेन्यू के गैप को कुछ हद तक कवर किया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज अब सैटेलाइट इंटरनेट और AI प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी गिरावट न आए।

FY26 आउटलुक और TCS की स्ट्रैटेजी

फ़िलहाल मेनेजमेंट ने 40,000 फ्रेशर्स हायर करने का प्लान बनाया है और 6,071 नए एम्प्लॉइज इस तिमाही में जोड़े। ऑपरेटिंग मार्जिन 24.5% रहा, जो अनुमान से बेहतर है। वेज हाइक को टालने से कॉस्ट कंट्रोल में मदद मिली। कंपनी का फोकस अब जेन-AI और क्लाउड प्रोजेक्ट्स पर है, जो ग्लोबल क्लाइंट्स के लिए कॉस्ट बचाने और बिजनेस बढ़ाने में काम आएंगे। नॉर्थ अमेरिका में डिमांड कमजोर रही, लेकिन रीजनल मार्केट्स में 22.5% ग्रोथ ने बैलेंस बनाया। BSNL डील की कमी शॉर्ट-टर्म में चैलेंज है, लेकिन TCS की डील पाइपलाइन और डायवर्सिफाइड सेगमेंट्स इसे लॉन्ग-टर्म में सेफ रखेंगे। इनवेस्टर्स के लिए स्टॉक का 3.73% डिविडेंड यील्ड और सॉलिड डील बुकिंग पॉजिटिव सिग्नल हैं।