Arvind Sanka’s Success Story : बेंगलुरु के बारे में तो हर किसी ने सुना होगा। यहां इतना लंबा ट्रैफिक लगता है कि लोगों को एक चौराहे से दूसरे चौराहे तक पहुंचने में लगभग आधे घंटे का वक्त लग जाता है। जिस कारण उन्हें ऑफिस या स्कूल के लिए करीब 1 से 2 घंटे पहले घर से निकालना पड़ता है। इसके साथ ही किराया इतना ज्यादा होता है कि लोग परेशान हो जाते हैं। वहीं, ट्रैफिक और महंगा किराया को देखते हुए इसी शहर के एक नवयुवक को बाइक सर्विस का आइडिया आया। इसके बाद उसने साल 2015 में एक कंपनी की शुरुआत की, जो आज लगभग देश के हर शहर में अपनी सर्विस दे रहा है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको अरविंद संका की सक्सेस स्टोरी बताएंगे।

साल 2015 में की थी शुरूआत
दरअसल, आज हम आपको रैपीडो कंपनी के को-फाउंडर अरविंद संका के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर साल 2015 में बाइक टैक्सी रैपीडो कंपनी की शुरुआत की थी। जिसने महज कुछ ही दिनों में काफी सफलता हासिल की। इसमें लोग कम किराए में अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही उनका समय भी बचता है। इसके लिए उन्हें काफी ज्यादा संघर्ष भी करना पड़ा, लेकिन आज वह करोड़ों के मालिक बन चुके हैं।
इस आयडिया ने बदली किस्मत
अरविंद बेंगलुरु के रहने वाले हैं, जिन्होंने ट्रैफिक से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए बाइक सर्विस स्टार्ट की। वह अक्सर शहर में लंबे जाम देखा करते थे, जिस कारण उनके दिमाग में एक आइडिया आया और इस आइडिया ने उनकी किस्मत बदल कर रख दी। जब यह कंपनी बेंगलुरु में लॉन्च की गई, तब इसका नाम राइड सोलो रखा गया था। धीरे-धीरे इस ऐप पर ऑटो रिक्शा की भी सुविधा दी गई, जिसे लोगों ने काफी ज्यादा पसंद किया गया। फिर इसका नाम बदलकर रैपीडो रख दिया गया। आज यह कंपनी ओला और उबर को भी टक्कर दे रही है। हालांकि, शुरुआती दिनों में इस कंपनी को निवेशक नहीं मिल रहे थे। जिस कारण उन्हें काफी ज्यादा परेशानी भी झेलनी पड़ी, लेकिन कहते हैं ना मेहनत करने वाले कभी असफल नहीं होते, बल्कि पूरी कायनात उन्हें सफलता दिलाने में लग जाती है। ठीक वैसा ही रैपीडो बाइक सर्विस कंपनी के साथ हुआ।
अरविंद संका का नेट वर्थ
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2023 में रैपीडो कंपनी का टर्नओवर 6 करोड़ से अधिक रुपए का था। वहीं, अरविंद संका आज 7 करोड रुपए से भी अधिक के मालिक बन चुके हैं। आज वह एक लग्जरी लाइफ़स्टाइल जीते हैं। उनके पास खुद की कई सारी लग्जरी कारें हैं। उनकी कंपनी में आज हजारों लोग जुड़कर रोजगार पा रहे हैं। केवल इतना ही नहीं, इस कंपनी को कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी है। फिलहाल, यह कंपनी दिल्ली और महाराष्ट्र में कानूनी जंग से जूझ रही है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों राज्यों में रैपीडो बैन कर रखा है।





