एक वक्त डिजिटल पेमेंट करने से कतराते थे लोग, आज जीता लोगों का विश्वास, पढ़ें PhonePe की Success Story

99,000 करोड़ रुपये वैल्यूएशन वाली इस कंपनी की शुरुआत फ्लिपकार्ट के तीन पूर्व कर्मचारियों ने की थी। दरअसल, साल 2015 में समीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर ने फोनपे की नींव रखी थी।

Sanjucta Pandit
Published on -

PhonePe Success Story : कहते हैं जब मन में कुछ करने का जज्बा हो, तो रास्ते कितने भी मुश्किल क्यों ना हो इंसान उसे पार कर ही लेता है। ऐसी ही कुछ दिलचस्प कहानी फोनपे के को-फाउंडर्स की है, जो कभी फ्लिपकार्ट में काम किया करते थे। उनके दिमाग में वर्किंग लाइफ के दौरान कुछ ऐसे आइडियाज आए कि तीन दोस्तों ने मिलकर साल 2015 में इस कंपनी की नींव रखा डाली और आज यह करोड़ों की वैल्‍यूएशन वाली कंपनी बन चुकी है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको PhonePe की दिलचस्प सक्सेस स्टोरी बताएंगे।

एक वक्त डिजिटल पेमेंट करने से कतराते थे लोग, आज जीता लोगों का विश्वास, पढ़ें PhonePe की Success Story

देश में UPI पेमेंट प्लेटफॉर्म के तौर पर PhonePe का दबदबा है। बता दें कि फोनपे ने अपने कस्टर्म्स को अनुकूल इंटरफेस, व्यापक सेवाओं और आकर्षक ऑफर्स दिए। इसके अलावा, व्यापारियों और छोटे बिजनेसमैन के साथ मजबूत रिश्ता बनाया। बता दें कि PhonePe के माध्यम से हर दिन करोड़ों का ट्रांजैक्शन होता है, जिससे यह देश के प्रमुख डिजिटल फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है। वहीं, 99,000 करोड़ रुपये वैल्यूएशन वाली इस कंपनी की शुरुआत फ्लिपकार्ट के तीन पूर्व कर्मचारियों ने की थी। दरअसल, साल 2015 में समीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर ने फोनपे की नींव रखी थी।

PhonePe के 3 संस्थापक

समीर निगम: समीर निगम कंपनी के फाउंडर होने के साथ-साथ फोनपे के सीईओ भी हैं। उन्होंने फ्लिपकार्ट के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बतौर सीनियर वाइस प्रेसिडेंट भी काम किया है। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की और द वार्टन स्कूल से एमबीए किया है। इससे पहले वह निगम शॉपजिला कंपनी में प्रोडक्ट डायरेक्टर भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने Mime360 नामक कंपनी में भी काम किया था।

राहुल चारी: वहीं, राहुल चारी कंपनी के फाउंडर और सीटीओ हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद राहुल ने सन माइक्रोसिस्टम्स से इंटर्नशिप की है। इसके अलावा, उन्होंने सिस्को सिस्टम्स और फ्लिपकार्ट में काम किया है।

बुर्जिन इंजीनियर: अब बात करें बुर्जिन इंजीनियर की तो ये फोनपे के को-फाउंडर और चीफ रिलायबिलिटी ऑफिसर (CRO) हैं। उन्होंने भी फ्लिपकार्ट में काम किया है। इसके अलावा, उन्होंने डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग के रूप में Mime360 और शॉपजिला जैसी संस्थानों में सेवाएं दी हैं।

2015 में हुई शुरुआत

बता दें कि फोनपे की शुरुआत “करते जा, भरते जा” नाम की टैगलाइन के साथ हुई। इस लाइन ने लोगों को आकर्षित किया और पॉजिटिव असर छोड़ा। कंपनी की शुरुआत 2015 में हुई। लॉन्चिंग के बाद फोनपे ने ऐप में सिर्फ पेमेंट ही नहीं, बल्कि अन्य सेवाओं को भी शुरू किया। वहीं, जब कंपनी ने सफलता की उड़ान भरी, तो उसके ठीक एक साल बाद इसे फ्लिपकार्ट ने खरीद लिया। स्टार्टअपस्काय की रिपोर्ट के मुताबिक, फोनपे में फ्लिपकार्ट की 87 फीसदी हिस्सेदारी है। जिसके बाद कंपनी ने इंडिया में प्रमुख डिजिटल फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी जगह बनाई। कंपनी अपने ग्राहकों को मोबाइल रिचार्ज, स्कूल फीस, बिजली-पानी का बिल, मूवी, बस-ट्रेन का टिकट, खाने की चीजें ऑर्डर करने जैसी कई पेमेंट सॉल्यूशंस दिए। जिसके कारण यह लोगों के लिए आसान माध्यम बन गया।

इतनी फंडिंग की हासिल

फोनपे को 350 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल हुई है। दरअसल, कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, माइक्रोसॉफ्ट, टेन्सेंट और टाइगर ग्लोबल ने इस फंडिंग राउंड में हिस्सा लिया और फोनपे की वैल्यूएशन 99,000 करोड़ रुपये मानते हुए फंड दिया। वर्तमान में देशभर में फोनपे के लिए 3500 कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह लोगों के डेली यूज का अहम हिस्सा बन गया है। अब लोग रात में भी जरूरत पड़ने पर पैसों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। घर बैठे सारे बैंक से जुड़े काम हो जाते हैं। इसके लिए आपको मौसम की मार नहीं झेलनी पड़ती और ना ही लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इसके साथ ही कंपनी के द्वारा समय-समय पर कई सारे ऑफर्स दिए जाते हैं।


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News