RBI Action: नियमों का उल्लंघन करने पर भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 बैंकों के खिलाफ सख्त कारवाई की है। इनपर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। इस लिस्ट में एक प्राइवेट सेक्टर बैंक और 5 सहकारी बैंक बैंक शामिल हैं। केन्द्रीय बैंक ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
प्राइवेट सेक्टर के आरबीएल बैंक पर भी आरबीआई ने कार्रवाई की है। गुजरात के द आमोद नागरिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (भरूच), द कर्जन नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (वडोदरा), द राजुला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (अमरेली) और द विजय कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (राजकोट) पर आरबीआई ने मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इसके अलावा ओडिशा के सुंदरगढ़ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इस प्राइवेट बैंक पर लगा 60 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना (RBI Monetary Penalty)
प्राइवेट सेक्टर के आरबीएल बैंक पर पर केवाईसी से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। केन्द्रीय बैंक ने 61.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बैंक क्रेडिट कार्ड खाता खोलते समय निर्धारित आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज प्राप्त नहीं कर पाया। इसके अलावा प्रत्येक ग्राहक के लिए एक विशिष्ट पहचान कोड के बजाय कुछ ग्राहकों को कई पहचान कोड भी आवंटित किए।
गुजरात के बैंकों ने किया इन नियमों का उल्लंघन (Banking News)
- आमोद नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने ऐसे लोन स्वीकृत किए जिसमें निदेशक का रिश्तेदार गरांटर था। निर्धारित समय सीमा के भीतर कुछ ग्राहकों के खातों के केवाईसी रिपोर्ट को केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड करने में भी बैंक विफल रहा।
- द कर्जन नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने 2.10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह बैंक निर्धारित समय के भीतर पात्र दावा न की गई राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में ट्रांसफर करने में विफल रहा। वर्ष 2021-22 के दौरान कुछ दिनों के लिए न्यूनतम नकद आरक्षित अनुपात बनाकर नहीं रख पाया। 31 मार्च 2023 तक अपने उधारकर्ताओं की क्रेडिट जानकारी चार सीआईसी में से किसी को भी प्रस्तुत नहीं कर पाया। विवेकपूर्ण अंतर बैंक प्रतिपक्ष जोखिम सीमा का पालन करने और निर्धारित समय्यों के अनुसार कुछ ग्राहकों के केवाईसी का जोखिम आधारित आवधिक अपडेट करने में भी विफल रहा।
- द राजुला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर 1.25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने नकद ऋण सीमा स्वीकृत की, जिसमें बैंक के निदेशक के रिश्तेदार गारंटी के रूप में खड़े थे। कुछ खातों को निष्क्रिय रूप में वर्गीकृत करने में विफल, जहां 2 साल से अधिक के लिए कोई ग्राहक प्रेरित लेन देन नहीं हुआ।
- द विजय कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बैंक 6 महीने में कम से कम एक बार कुछ खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा नहीं कर पाया।
सुंदरगढ़ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक पर लगे ये आरोप (Reserve Bank Of India)
ओडिशा के सुंदरगढ़ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने अपने निदेशकों को लोन स्वीकृत किए। पात्र दावा न की गई राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोश में ट्रांसफर नहीं कर पाया। कुछ नए खाते खोलते समय ग्राहक की उचित जांच प्रक्रिया का पालन भी नहीं कर पाया।