Success Story of Dilkhush Kumar : कहते हैं कि मन में जज्बा हो तो इंसान कोई भी मुकाम आसानी से हासिल कर लेता है। वहीं, आजकल की टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक सुविधाएं लोगों के लाइफस्टाइल को बहुत ही आसान बना चुकी है। अब तक हम सभी ने Ola और Uber का नाम सुना होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे स्टार्टअप के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दोनों बड़ी कंपनियों को इन दिनों टक्कर दे रहा है। इससे यात्री कम दाम में सफर कर सकते हैं। साथ ही उन्हें सुरक्षा की गारंटी भी दी जा रही है। तो चलिए आज हम आपको RodBez कंपनी के को-फाउंडर दिलखुश कुमार की सक्सेस स्टोरी बताएंगे, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर आज इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है।

सहरसा जिले के रहने वाले हैं दिलखुश
दरअसल, दिलखुश कुमार बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले हैं। जिन्होंने Cab और टैक्सी सर्विस के मामले में ओला और उबर को भी पीछे छोड़ दिया है। इस कंपनी में सुरक्षा की गारंटी भी दी जाती है। दिलखुश को यह आइडिया तब दिमाग में आया जब उन्होंने इस बात पर गौर फरमाया कि टैक्सी सर्विस के लिए इतना ज्यादा चार्ज क्यों किया जाता है। क्योंकि उन्हें एक तरफ से पेसेजंर्स मिलते हैं, लेकिन उधर से आते वक्त उन्हें यात्री नहीं मिलते। जिस कारण उन्हें एक व्यक्ति से 2 वे चार्ज करना पड़ता है। ऐसे में उनका नुकसान होता है। बता दें कि बिहार में टैक्सी सेवा अनोर्गनाइज्ड रहने के कारण टैक्सी वालों को वापसी में पैसेंजर नहीं मिल पाता है। जिसके कारण उन्हें मजबूरन अपने यात्रियों से टू वे चार्ज करना पड़ता है। जिसका समाधान दिलखुश ने RodBez कंपनी की स्थापना की। इस सर्विस का उपयोग करने वाले यात्रियों का 1,500 से 2,000 रूपये तक की बचत होती है।
कम उम्र में हो गई थी शादी
दिलखुश के पिता बस ड्राइवर थे और साल 2008 में उनकी शादी हो गई। जिसके बाद उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई। उस समय वह मात्र 16 साल के थे। पैसों की कमी के कारण वह ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए और मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद वह चपरासी के पद पर इंटरव्यू देने गए, जहां उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद दिलखुश ने अपने मैट्रिक के सर्टिफिकेट को जला दिया और फिर अपने पिताजी से उन्होंने बस चलाना सीखे। हालांकि, उनके पिता इस फैसले से खुश नहीं थे। बाद में उन्होंने इलेक्ट्रिकल का काम सीखा। फिर वह कंस्ट्रक्शन लाइन में चले गए, वहां पर थोड़ा सा पैसा बनाने के बाद उन्होंने Arya Go के नाम से एक कंपनी बनाई।
2021 में लॉन्च किया ये ऐप
इस बिजनेस को दिलखुश ने साल 2016 में स्टार्ट किया। इसके लिए उन्होंने 20 लोगों को हायर किया। उस वक्त हर महीने लाखों का रेवेन्यू जेनरेट हो रहा था। उसमें जितनी भी कमाई हो रही थी, उसका 10% हिस्सा दिलखुश अपने पास रख रहे थे। बता दें कि एक महीने में इस ऐप से 80 लाख की बुकिंग हो रही थी। इसके बाद साल 2021 में उन्होंने अपनी नई कंपनी शुरू की, जिसे जुलाई में लॉन्च किया गया। नवंबर में दिलखुश ने इस कंपनी के लिए 40 लाख का फंड रेज किया। इस ऐप के जरिए दिलखुश बिहार के हर शहर को जोड़ रहे है। इस कंपनी की खास बात यह है कि अगर ड्राइवर की गलती से आपकी फ्लाइट मिस होती है, तो कंपनी की तरफ से टिकट का अरेंजमेंट किया जाएगा जोकि इसे बाकी कंपनियों से अलग बनाती है।
करोड़ों में है कंपनी का टर्नओवर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिलखुश कुमार की कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में है। हाल ही में वह शार्क टैंक में नजर आए थे, जहां उन्होंने 5% इक्विटी पर 50 लाख रुपए की मांग की थी। जिन्हें विनीता और रितेश अग्रवाल का सपोर्ट मिला। अब उनका सपना इस कंपनी को 100 से 150 करोड़ तक के टर्नओवर तक पहुंचाने का है। आज वह बिहार के हजारों लोगों की बैकबोन बन चुके हैं।





