एक कागज का टुकड़ा बन गया खजाना! घर में मिले 1988 में खरीदे गए रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर, यहां जानिए फिर क्या हुआ!

रतन ढिल्लों नामक एक व्यक्ति की एक सोशल मीडिया पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। दरअसल, उन्होंने इस पोस्ट के जरिए उन्होंने बताया है कि उन्हें 1988 में खरीदे गए रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर मिले हैं। हालांकि, इस पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें शेयर बाजार को लेकर कोई जानकारी नहीं है। यदि किसी को इस विषय की जानकारी है, तो वह उनकी मदद कर सकता है।

घर में खजाना मिलने के किस्से आपने अक्सर सुने होंगे। पुराने समय में लोग अक्सर अपने धन को जमीन में गाड़ दिया करते थे या दीवारों में छिपा दिया करते थे। बाद में, कई बार उनकी पीढ़ियों को इसकी जानकारी लगती थी और उन्हें यह खजाना हाथ लग जाता था। हालांकि, आज के समय में इस तरह की कहानियों पर बेहद कम लोग विश्वास करते हैं। लेकिन जब भी खजाने की बात आती है, तो हम हीरे, जेवरात और सोने-चांदी के बारे में ही सोचते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक कागज का टुकड़ा भी खजाना हो सकता है? ऐसा ही एक किस्सा चंडीगढ़ के एक व्यक्ति के साथ हुआ है। दरअसल, चंडीगढ़ के रतन ढिल्लों को एक कागज के टुकड़े के रूप में खजाना हाथ लग गया है। उन्हें 1988 में खरीदे गए रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों का कागज मिला है।

क्या अभी भी है मालिकाना हक?

सोशल मीडिया पर रतन ढिल्लों की पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट में उन्होंने कहा है कि “हमें घर में यह कागज मिला है। मुझे शेयर बाजार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। क्या कोई एक्सपर्ट हमें बता सकता है कि हम अभी भी इन शेयरों के मालिक हैं या नहीं?” उनकी इस पोस्ट के बाद ज़ेरोधा ने उनकी मदद की है। इसके अलावा इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (IEPFA) ने भी उनकी पोस्ट का जवाब दिया है, जिससे उन्हें मालिकाना हक साबित करने में मदद मिली है।

अब कितनी हो चुकी है कीमत?

रतन ढिल्लों के मालिकाना हक को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में IEPFA ने कहा है कि यदि ये शेयर कुछ समय से अनक्लेम्ड (बिना दावा किए गए) हैं, तो हो सकता है कि वे IEPFA के पास ट्रांसफर हो चुके हों। आप IEPFA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नई सर्च फैसिलिटी का उपयोग करें और इन्हें जांच लें। इसके लिए ज़ेरोधा के कामत ब्रदर्स ने भी लिंक देकर उनकी मदद की है। आज की कीमत के अनुसार, इन शेयरों की कुल कीमत लगभग 11.88 लाख रुपये हो सकती है। 1988 में खरीदे गए 30 शेयर तीन स्प्लिट्स और दो बोनस के बाद अब 960 शेयर हो गए हैं।


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Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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