घर में खजाना मिलने के किस्से आपने अक्सर सुने होंगे। पुराने समय में लोग अक्सर अपने धन को जमीन में गाड़ दिया करते थे या दीवारों में छिपा दिया करते थे। बाद में, कई बार उनकी पीढ़ियों को इसकी जानकारी लगती थी और उन्हें यह खजाना हाथ लग जाता था। हालांकि, आज के समय में इस तरह की कहानियों पर बेहद कम लोग विश्वास करते हैं। लेकिन जब भी खजाने की बात आती है, तो हम हीरे, जेवरात और सोने-चांदी के बारे में ही सोचते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक कागज का टुकड़ा भी खजाना हो सकता है? ऐसा ही एक किस्सा चंडीगढ़ के एक व्यक्ति के साथ हुआ है। दरअसल, चंडीगढ़ के रतन ढिल्लों को एक कागज के टुकड़े के रूप में खजाना हाथ लग गया है। उन्हें 1988 में खरीदे गए रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों का कागज मिला है।

क्या अभी भी है मालिकाना हक?
सोशल मीडिया पर रतन ढिल्लों की पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट में उन्होंने कहा है कि “हमें घर में यह कागज मिला है। मुझे शेयर बाजार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। क्या कोई एक्सपर्ट हमें बता सकता है कि हम अभी भी इन शेयरों के मालिक हैं या नहीं?” उनकी इस पोस्ट के बाद ज़ेरोधा ने उनकी मदद की है। इसके अलावा इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (IEPFA) ने भी उनकी पोस्ट का जवाब दिया है, जिससे उन्हें मालिकाना हक साबित करने में मदद मिली है।
We found these at home, but I have no idea about the stock market. Can someone with expertise guide us on whether we still own these shares?😅@reliancegroup pic.twitter.com/KO8EKpbjD3
— Rattan Dhillon (@ShivrattanDhil1) March 11, 2025
अब कितनी हो चुकी है कीमत?
रतन ढिल्लों के मालिकाना हक को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में IEPFA ने कहा है कि यदि ये शेयर कुछ समय से अनक्लेम्ड (बिना दावा किए गए) हैं, तो हो सकता है कि वे IEPFA के पास ट्रांसफर हो चुके हों। आप IEPFA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नई सर्च फैसिलिटी का उपयोग करें और इन्हें जांच लें। इसके लिए ज़ेरोधा के कामत ब्रदर्स ने भी लिंक देकर उनकी मदद की है। आज की कीमत के अनुसार, इन शेयरों की कुल कीमत लगभग 11.88 लाख रुपये हो सकती है। 1988 में खरीदे गए 30 शेयर तीन स्प्लिट्स और दो बोनस के बाद अब 960 शेयर हो गए हैं।