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Thu, Dec 18, 2025

UPI यूजर्स ध्यान दें! 31 अक्टूबर से बदल जाएंगे नियम, बंद होगी ये सर्विस

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यूपीआई यूजर्स को पियर-टू-पियर कलेक्ट रिक्वेस्ट सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। एनपीसीआई ने सर्कुलर जारी किया है। बैंक और पीएसपी को निर्देश भी दिए गए हैं। आइए जानें इन बदलावों का क्या प्रभाव पड़ेगा?
UPI यूजर्स ध्यान दें! 31 अक्टूबर से बदल जाएंगे नियम, बंद होगी ये सर्विस

नेशनल पेमेंट्स कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया UPI से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रहा है। जिससे संबंधित निर्देश यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), बैंक, पेमेंट सर्विस प्रोविडर और थर्ड पार्टी एप्स को जारी किया गया है। यूपीआई पर पियर-टू-पियर (P2P) “कलेक्ट रिक्वेस्ट” को बंद करने का ऐलान एनपीसीआई ने किया है। यह कदम वित्तीय फ्रॉड पर काबू पाने के लिए उठाया गया है। नया नियम 31 अक्टूबर से लागू होगा।

एनपीसीआई ने सभी सदस्य बैंको, भुगतान सेवा प्रदाताओं और यूपीआई एप्स को अपने सिस्टम और परिचालन प्रक्रिया में जरूरी बदलाव करने का निर्देश दिया है। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अक्टूबर 2025 के बाद यूपीआई पर कोई भी पी2पी कलेक्ले लेनदेन न हो।

क्या है P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट? (UPI Pull Payments)

वर्तमान में यूपीआई पर दो प्रकार के ट्रांजैक्शन होते हैं, इसमें “Pull” और “Push” शामिल हैका मतलब है। जब यूजर्स अपने अकाउंट से किसी और अकाउंट में पैसे भेजते हैं तो इसे पुश ट्रांजैक्शन कहा जाता है। पुल ट्रांजैक्शन मतलब अब कोई दूसरा व्यक्ति आपसे पैसे मांगता है और आपको मंजूरी देनी होती है।

यूपीआई पी2पी कलेक्ट रिक्वेस्ट भी पुल ट्रांजैक्शन है। यह पैसे भेजने की बजाय पैसे मांगने का अनुरोध किया जाता है। यह सुविधा गूगल पे,  पेटीएम, फोनपे समेत कई यूपीआई एप्स पर उपलब्ध है। जब कोई रिसीवर पैसे मांगने का रिक्वेस्ट भेजता है तो सेंडर के यूपीआई एप पर एक नोटिफिकेशन आता है। जिसके बाद सेंडर इसे एक्सेप्ट या डिक्लाइन कर सकता है।

क्यों बंद हो रहा फीचर?

कलेक्ट रिक्वेस्ट स्वीकार करने पर ही पैसे ट्रांसफर होते हैं। बिना मंजूरी पैसे निकालने की अनुमति नहीं होती है। लेकिन इसके बावजूद भी कई साइबर अपराधी यूजर्स को इस फीचर के जरिए धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं। फ्रॉड के खतरे को देखते हुए एनपीसीआई ने इसे बंद करने का फैसला लिया है। इसके अलावा हालिया आंकड़ों के मुताबिक पी2पी लेनदेन में भी कमी आई है।  कुल यूपीआई ट्रांजैक्शन में इसका योगदान करीब 3% देखा गया।

UPI-OC-No-220-FY-2025-26-Discontinuing-the-service-of-UPI-Collect-Request-for-Person-to-Person-P2P-transactions