नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) में बीते कुछ महीनों में कई बदलाव कर चुका है। एक बार फिर नए नियम लागू होने वाले हैं। जिसका असर यूजर्स पर भी पड़ेगा। पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइंस से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया गया है। बैंक, सब मेंबर्स, पीएसपी, क्रेडिट लाइन जारीकर्ता और थर्ड पार्टी एप प्रोवाइड्स को कुछ जरूरी निर्देश भी दिए गए हैं। इन बदलावों को लागू करने के लिए 31 अगस्त तक समय दिया गया है।
बता दें सितंबर 2023 को जारी एक सर्कुलर के तहत यूपीआई पर पूर्व स्वीकृत क्रेडिट लाइनों की सुविधा शुरू की गई थी। ब्याज असर वाले क्रेडिट लाइनों में ग्राहकों को एक समान अनुभव प्रदान करने के लिए कुछ नियम भी निर्धारित किए गए थे। मौजूदा नियमों के साथ कुछ एक्स्ट्रा गाइडलाइंस का पालन अब इंटरेस्ट बियरिंग क्रेडिट लाइन्स के लिए जारीकर्ता बैंक या वित्तीय संस्थान को करना होगा।
एनपीसीआई के नए दिशा-निर्देश (UPI Rules)
- जारीकर्ता अपनी बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के तहत इस क्रेडिट लाइनों के इस्तेमाल की शर्तें निर्धारित करेंगे। इसके अलावा मौजूदा नियामक दिशा निर्देशों, बैंक पॉलिसी और कानूनी जरूरत और ब्याज असर वाली क्रेडिट लाइन पेशकश के परिभाषित उद्देश्य का अनुपालन भी सुनिश्चित करना होगा।
- जारीकर्ता मौजूद नियामक दिशानिर्देशों और क्रेडिट के निश्चित उद्देश्य के हिसाब से यूपीआई के जरिए शुरू किए गए लेनदेन को स्वीकृत या अस्वीकृत करेगा।
- सभी यूपीआई सदस्य बैंक, पीएसपी और थर्ड पार्टी एप पर ब्याज वहन करने वाले अकाउंट के प्रकार के माध्यम से लेनदेन के लिए अतिरिक्त एमसीसी को भी सक्षम करने का निर्देश दिया गया है।
क्या है पूर्व स्वीकृत क्रेडिट लाइन? (Pre-Sanctioned Credit Lines)
पूर्व स्वीकृत क्रेडिट लाइन एक खास सुविधा है, जिसके जरिए बैंक या वित्तीय संस्थान किसी कस्टमर को पहले से निर्धारित एक क्रेडिट लिमिट की अनुमति देते हैं। बिना आवेदन आसान प्रोसेस के जरिए ग्राहक उधार ले सकते हैं। मतलब यदि किसी ग्राहक की क्रेडिट लाइन सीमा एक लाख रुपये है, तो वह क्यूआर कोड स्कैन करके या यूपीआईडी के जरिए भुगतान कर सकता है। खास बात यह है कि जब तक कोई यूजर पैसों को नहीं निकालता, तब तक इस पर ब्याज भी नहीं लगता।
UPI-OC-No-171-A-FY-2025-26-Addendum-to-OC-171-Operating-Circular-for-Pre-Sanctioned-Credit-Lines-at-Banks-through-UPI




