UPI Rules: यूपीआई लेनदेन का बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है। इससे देशभर में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलता है। लोगों को बार-बार एटीएम से पैसे निकालने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। उपभोक्ताओं के हित में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अक्सर इसमें बदलाव करता रहता है।
एनपीसीआई ने डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म से जुड़े नियमों में एक बार फिर संशोधन किया है। यूजर्स को दो नए फीचर्स का लाभ मिलेगा। इस संबंध ने एनपीसीआई ने नोटिफिकेशन भी जारी किया है। नए नियम जून में लागू होंगे। रिस्पॉन्स टाइम को घटाया गया है, यह सुविधा 16 जून से शुरू होगी। वहीं 30 जून से यूपीआई ऐप पर लेनदेन के समय बैंक की ओर से पंजीकृत लाभार्थी का नाम दिखाना अनिवार्य होगा।

बढ़ेगा सुरक्षा और पारदर्शिता, इस फीचर का मिलेगा लाभ
नए नियमों के तहत बता पी2पी और पी2एम लेनदेन के लिए केवल अंतिम लाभार्थी नाम यानी सीबीएसई नाम पारदर्शित करना अनिवार्य होगा। यूपीआई ऐप्स यह सुनिश्चित करेंगे की प्री- ट्रांजैक्शन विवरण पेज पर उपयोगकर्ता को केवल वैलिडेट एड्रेस एपीआई से प्राप्त बैंकिंग नाम ही दिखे। भुगतानकर्ता के सामने क्यूआर कोड, उपयोगकर्ता परिभाषित नाम या किसी अन्य तर्क से निकल गए नाम को प्रदर्शित करने पर रोक होगी। इसके अलावा लाभार्थी नाम को संशोधित करने की अनुमति देने वाली किसी भी सुविधा को उपलब्ध नहीं करवाया जाएगायूपीआई इकोसिस्टम के सभी सदस्यों को 30 जून तक यह काम पूरा करने का निर्देश एनपीसीआई ने दिया है।
चुटकियों में होगा यूपीआई भुगतान
एनपीसीआई ने यूपीआई ट्रांजैक्शन के लिए नया रिस्पांस टाइम भी निर्धारित किया है। इस संबंध में बैंकों को निर्देश भी जारी किए गए हैं। रिक्वेस्ट पे और रिस्पांस पे सर्विस का रिस्पांस टाइम घटकर 15 सेकंड कर दिया गया है, जो पहले 30 सेकंड था। प्रोसेसिंग से जुड़े नए नियम 16 जून से प्रभावी होंगे। ट्रांजैक्शन स्टेटस और ट्रांजैक्शन रिवर्सल के लिए 10 सेकंड और वैलिडेट एड्रेस के लिए 10 सेकंड का समय तय किया गया है। इसका मतलब अब 15 सेकंड में ही यूपीआई पेमेंट संभव होगा।