Vegetables Prices : रुला रहे सब्जियों के दाम, बढ़ती कीमतों के चलते आलू-प्याज-टमाटर खाना कम कर रहे लोग, पढ़ें खबर

Vegetables Prices: गर्मी और मानसून की देरी ने सब्जियों की कीमतों में भारी वृद्धि की है, जिससे आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। दरअसल बीते कुछ हफ्तों में सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए है।

Rishabh Namdev
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Vegetables Prices : इस साल गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। वहीं इसी के साथ मानसून की देरी ने सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल ला दिया है। दरअसल बीते कुछ हफ्तों में आलू, प्याज और टमाटर के दाम आसमान पर पहुंच गए है। इनकी कीमतें लगभग 20 से 50 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं, जिससे लोगों की थाली से ये सब्जियां गायब होती जा रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के लगभग 16 फीसदी परिवार अब आलू, प्याज और टमाटर खरीदने से बच रहे हैं और इन सब्जियों का सेवन भी कम कर रहे हैं।

बकरीद के कारण प्याज की कीमतों में तेजी:

दरअसल एक रिपोर्ट की माने तो, सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतों ने पूरे देश में परेशानी खड़ी कर दी हैं। जानकारी के अनुसार पिछले हफ्ते बकरीद के दौरान आलू, प्याज और टमाटर समेत कई सब्जियों की कीमतों में तेज़ी आई है। दरअसल पिछले दो हफ्तों की ही बात की जाए तो प्याज की कीमतें लगभग 30 से 50 फीसदी बढ़ गई हैं, जिससे परिवारों पर महंगाई का दबाव साफ नजर आ रहा है। वहीं फलों की कीमतें भी महंगाई से अछूती नहीं रही हैं और इनमें भी तेजी से वृद्धि हो रही है। गर्मी की तीव्रता और मानसून की देरी के कारण उत्पादन में गिरावट आई है, जो महंगाई का मुख्य कारण है।

खाद्य महंगाई में वृद्धि की आशंका:

वहीं सांख्यिकी मंत्रालय (Statistics Ministry) के आंकड़ों की माने तो, खाद्य महंगाई (Food Inflation) में वृद्धि की संभावना है। अप्रैल में खाद्य महंगाई दर 8.7% तक पहुंच गई थी, जबकि मार्च में यह आंकड़ा 8.5% था। दरअसल ग्रामीण इलाकों की बात की जाए तो खाद्य महंगाई ग्रामीण इलाके में भी तेजी से बढ़ती हुई देखी जा रही है और इसी के चलते यह 8.75% पर पहुंच चुकी है।

वहीं 7 जून को मौद्रिक नीति का ऐलान किया गया था जिसमें रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने भी यह आशंका जताई थी भीषण गर्मी के चलते इसका असर फलों और सब्जियों की कीमतों पर देखा जा सकता है।

वहीं अब महंगाई से निपटने के लिए परिवार अब कम मात्रा में सब्जियों की खरीद कर रहे हैं और उनके सेवन में भी कमी कर रहे हैं। कई परिवारों ने अपने भोजन में अन्य सब्जियों और विकल्पों का उपयोग शुरू कर दिया है ताकि वे महंगाई से बच सकें। इसके अलावा, कुछ लोगों ने घर की बागवानी को बढ़ावा दिया है ताकि वे अपनी आवश्यकता की सब्जियां खुद उगा सकें और बाजार की महंगाई से बच सकें।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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