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Sat, Dec 20, 2025

करदाता ध्यान दें, 30 अप्रैल तक उठाएं इस सुविधा का लाभ, Tax से जुड़े विवादों को निपटाने का मौका, CBDT ने जारी किया नोटिस

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विवाद के विश्वास स्कीम की नई डेडलाइन आयकर विभाग ने घोषित की है। इसका लाभ 30 अप्रैल 2025 तक उठा सकते हैं। आइए जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें?
करदाता ध्यान दें, 30 अप्रैल तक उठाएं इस सुविधा का लाभ, Tax से जुड़े विवादों को निपटाने का मौका, CBDT ने जारी किया नोटिस

Vivad Se Vishwas Scheme: केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स से जुड़े पुराने मामलों को निपटाने के लिए “विवाद से विश्वास स्कीम” की घोषणा की थी। जिसकी डेडलाइन नजदीक है। इस संबंध में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नोटिस जारी किया है। योजना का लाभ 30 अप्रैल 2025 तक उठाया जा सकता है। टैक्सपेयर्स बकाया कर मामलों का सेटलमेंट कर सकते हैं। उन्हें आखिरी तारीख से पहले संबंधित पदाधिकारी के पास घोषणा फाइल कर सकते हैं।

इस स्कीम की घोषणा बजट 2024 में ही की गई है, जिसकी शुरुआत 1 अक्टूबर 2024 में हुई। अब तक कई बार अंतिम तिथि आगे भी बढ़ चुकी है। लेकिन अब डेडलाइन एक्सटेंड होगी या नहीं, इस संबंध में कोई भी संकेत आयकर विभाग ने नहीं दिया है। इस योजना के तहत टैक्सपेयर्स विवादित कर माँग के समाधान के लिए विवादित राशि का पूर्ण भुगतान करते हैं। बाद में दंड माफ कर दिया जाता है।

कौन उठा सकता है लाभ?

ऐसे करदाता या अधिकारी स्कीम का लाभ उठा सकते हैं, जिनका विवाद या अपील 22 जुलाई 2024 तक लंबित है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या फिर आयकर न्यायाधिकरण  में याचिका दायर की है। या फिर किसी टैक्स पदाधिकारी की ओर से अपील की गई है। इन सभी स्थिति में इस योजना के तहत कम अमाउंट देकर टैक्स निपटान किया जा सकता है।

स्कीम से जुड़ी अन्य बातें

केंद्र सरकार ने स्कीम की शुरूआत 2 करोड़ से अधिक प्रत्यक्ष मांगों का समाधान करने के टारगेट के साथ की थी। इसके तहत चार फॉर्म के ऑप्शन उपलब्ध कराए जाते हैं, जिसमें से फॉर्म 1 और 3 करदाताओं के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। फार्म-1 में टैक्सपेयर डिक्लेरेशन फाइल और अंडरटेकिंग की जानकारी देते हैं। वहीं फॉर्म 3 में घोषणाकर्ता द्वारा पेमेंट की जानकारी दी जाती है। फॉर्म-2 अथॉरिटी द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र के लिए होता है। फॉर्म 4 अथॉरिटी द्वारा टैक्स एरियर के अंतिम सेटलमेंट की जानकारी से जुड़ा होता है। बता दें कि 1 फरवरी 2025 के बाद वाले डेक्लेरेशन पर विवादित टैक्स डिमांड का 110% भुगतान करना होगा।