Vodafone Idea ने AST SpaceMobile के साथ मिलकर भारत में Direct-to-Device सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने का फैसला किया है। इसमें किसी विशेष डिश या सेट-टॉप बॉक्स की जरूरत नहीं होगी। यूज़र अपने सामान्य स्मार्टफोन से ही सीधे सैटेलाइट नेटवर्क से कनेक्ट हो पाएंगे। यह सेवा देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी लाने के लिए बनाई गई है और Starlink जैसी विदेशी सेवाओं को सीधी टक्कर देगी।
इस साझेदारी के तहत Vodafone Idea और AST SpaceMobile मिलकर लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स के जरिए भारत में पहली बार सीधे स्मार्टफोन से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देंगे। कंपनी का लक्ष्य उन क्षेत्रों तक इंटरनेट पहुंचाना है जहां अभी तक कोई टॉवर या नेटवर्क कवरेज नहीं है। यह सेवा इमरजेंसी, शिक्षा, खेती और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बड़ी मदद करेगी। कंपनी के मुताबिक, इसके लिए किसी खास हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी। AST पहले ही इस तकनीक का डेमो कई देशों में कर चुका है और अब भारत में यह व्यावसायिक स्तर पर लागू होगी।
Starlink को सीधी चुनौती
एलन मस्क की Starlink भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लाने की योजना पर काम कर रही है, लेकिन Vi की यह नई Direct-to-Device तकनीक उससे कई कदम आगे मानी जा रही है। Starlink में डिश सेटअप और इंस्टॉलेशन की जरूरत होती है, जबकि योजना में केवल स्मार्टफोन और ऐप के जरिए ही कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे न सिर्फ लागत कम होगी बल्कि टेक्नोलॉजी का उपयोग भी आसान होगा। Vi के मार्केटिंग हेड अवनीश खोसला ने कहा कि यह सेवा Digital India के सपनों को साकार करने वाली होगी। देश के रिमोट एरिया तक तेज और सुलभ इंटरनेट पहुंचाना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है।
ग्रामीण भारत में बदल जाएगा इंटरनेट एक्सेस
इस साझेदारी के जरिए गांवों, जंगलों, पहाड़ों और सीमावर्ती इलाकों में डिजिटल सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। Vi का कहना है कि यह सेवा ग्रामीण भारत के लिए गेमचेंजर साबित होगी। AST SpaceMobile की तकनीक पहले से ही अमेरिका और अफ्रीका जैसे देशों में सफल रही है। कंपनी ने कहा कि भारत जैसे विशाल और विविध भूगोल वाले देश में इस तरह की सेवा से करोड़ों लोगों को पहली बार तेज़ इंटरनेट मिलेगा। इसके साथ ही टेलीकॉम कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा भी तेज़ होगी। Jio और Airtel जैसी कंपनियों को इस कदम से अपनी रणनीति फिर से तय करनी पड़ सकती है।





