सरकार ने इस साल जनवरी 2025 में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन का फैसला लिया था, जिससे करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद जगी थी। लेकिन छह महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी न तो आयोग के अध्यक्ष (चेयरमैन) की नियुक्ति हुई है और न ही बाकी सदस्यों का ऐलान किया गया है। इस देरी को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।
वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी, चल रहा है विचार-विमर्श
लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि आयोग के गठन की प्रक्रिया अभी जारी है। उन्होंने बताया कि नोटिफिकेशन जारी करने से पहले गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और दूसरे जरूरी मंत्रालयों से राय मांगी जा रही है। जब सभी इनपुट मिल जाएंगे, तभी आयोग के गठन का औपचारिक ऐलान होगा।
सांसदों ने उठाए सवाल, सरकार से मांगी स्पष्ट जानकारी
सांसद टीआर बालू और आनंद भदोरिया ने वेतन आयोग को लेकर हो रही देरी पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि जब जनवरी में आयोग का ऐलान कर दिया गया था, तो अब तक चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति क्यों नहीं हुई? उन्होंने सरकार से इस विषय पर स्पष्ट जानकारी देने की मांग की है, जिसमें टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) यानी आयोग का कार्यक्षेत्र भी शामिल हो।
क्यों जरूरी है वेतन आयोग का गठन?
भारत सरकार हर 10 साल में एक वेतन आयोग का गठन करती है, ताकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में जरूरी बदलाव किए जा सकें। वेतन आयोग देश में बढ़ती महंगाई, जीवनयापन की लागत और दूसरी आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखकर अपनी सिफारिशें देता है। इसके बाद सरकार इन सिफारिशों को लागू करती है।
इस बार भी केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि 8वां वेतन आयोग उनके वेतन और पेंशन में अच्छा इजाफा करेगा। लेकिन जब तक सरकार पैनल का गठन नहीं करती और उसकी सिफारिशें नहीं आतीं, तब तक किसी तरह की राहत मिलना मुश्किल है।





