केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की चेयरपर्सन निधि छिब्बर के मुताबिक सीबीआई सीबीएसई आगामी शैक्षणिक सत्र में अपने पैटर्न में बदलाव करेगा। बोर्ड रिजल्ट 10+2 पद्धति को बदलकर सभी स्कूलों में नई व्यवस्था 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली को अपनाने के दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली
चरणबद्ध तरीके से इसे आसानी से लागु किया जा सकेगा। दरअसल पहले 5 साल में प्री प्राइमरी स्कूल के बाद कक्षा 1 और 2 सहित फाउंडेशन स्टेज को इसमें शामिल किया जाएगा। कक्षा 3 से 5 तक के लिए 3 वर्ष, 6वीं से आठवीं तक की कक्षाओं को तीसरे स्तर पर रखा जाएगा जबकि छात्रों को आठवीं कक्षा में रुचि के विषय चुनने और परीक्षा देने की अनुमति प्रदान की जाएगी जबकि चौथे स्तर में नौवीं से बारहवीं तक के लिए 4 साल का समय लिया जाएगा।
3 पद्धति में लागू होगी शिक्षा पद्धति
महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए सीबीएसई की चेयर पर्सन निधि छिब्बर ने कहा कि बोर्ड द्वारा इसे शुरू करने के लिए निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही 3 पद्धति में इसे लागू किया जाएगा। एक स्कूल रजिस्ट्री, शिक्षा रजिस्ट्री और छात्र रजिस्ट्री तैयार किया जाएगा, जो 5+3+3+4 के स्कूली शिक्षा के विभिन्न चरण प्रणाली के विकास को ट्रैक करेंगे।
क्या होगा लाभ
सीबीएसई का मानना है कि इस प्रारूप के लागू होने से पांचवीं तक के छात्र को भाषा पर पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी। मातृभाषा, स्थानीय भाषा सहित उन्हें राष्ट्रीय भाषा में भी अध्ययन करने की आजादी दी जाएगी। इसके अलावा दसवीं बोर्ड की अनिवार्यता को समाप्त किया जाएगा और छात्रों को 12वीं बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होगा।
शिक्षा पद्धति का इतिहास
बता दें कि सबसे पहले भारत ने साल 1986 में शिक्षा नीति तैयार की गई थी। हालांकि 1992 में इसमें कुछ आंशिक संशोधन किए गए थे। लंबे समय तक शिक्षा नीति में कोई संशोधन नहीं होने के बाद वर्ष 2020 में पुरानी शिक्षा नीति को बदलाव करने शिक्षा नीति को लागू किया गया था। अब नई शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आगामी सत्र में इसके प्रारूप में बदलाव की तैयारी की गई है।