एक्शन में CBSE, इन 34 स्कूलों को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब, नियमों का उल्लंघन करने का आरोप, देखें लिस्ट 

सीबीएसई ने स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी है। इनपर बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप है। आइए जानें इस लिस्ट में कहीं आपका विद्यालय तो शामिल नहीं?

Manisha Kumari Pandey
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CBSE Show Cause Notice: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 34 स्कूल को नियमों का उल्लंघन करने पर कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। इस लिस्ट में हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तराखंड,  पंजाब महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के कई स्कूल शामिल हैं।

नोटिस में सीबीएसई ने कहा, “एफिलेटेड विद्यालयों को सम्बद्ध  उपनियम 2018 में उल्लेखित नियमों और शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड के परिपत्र संख्या 4/2019 दिनांक 30/1/2019 के माध्यम से पहले ही सूचित किया जा चुका है। संबद्धता नियमों के खंड संख्या 12 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि परीक्षा और समानता उप नियमों का कोई भी गैर-अनुपालन उल्लंघन माना जाएगा। संबद्धता उपनियम के अध्याय 12 में नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं  धारा 14.1 के तहत प्रत्येक स्कूल संबद्धता नियमों का पालन करने के लिए बाध्य हैं”

क्या है वजह? (CBSE Action Against Schools) 

दरअसल, सीबीएसई ने 7 जुलाई 2024 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसके जरिए सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों के प्रमुखों को सूचित किया गया था कि सीबीएसई को 8 जुलाई 2024 से स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया से संबद्ध किया गया है। 2024-25 से सीबीएसई राष्ट्रीय खेलों के विजेता हर साल एसजीएफआई द्वारा आयोजित एसजीएफआई राष्ट्रीय स्कूल खेलों में भाग लेंगे। वहीं बोर्ड  ने स्कूलों के प्रमुख को सीबीएसई बोर्ड स्कूल गेम्स वेलफेयर सोसाइटी (CBSE-WSO) नामक खेल संगठन के खिलाफ चेतावनी भी दी गई थी। यह आगरा यूपी में है, जो खेल आयोजनों में भागीदारी के लिए सीबीएसई के नाम का उपयोग कर रहा है। एसजीएफआई और अन्य खेल निकायों द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में भी भाग ले रहा है। सीबीएसई ने स्कूलों को सलाह दी थी कि वह किसी भी तरह से उठ संगठन से ना जुड़े और इस संगठन द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में भाग भी न लें। इसके बावजूद कई स्कूलों ने सीबीएसई डब्ल्यूएसओ द्वारा आयोजित खेलों में भाग लिया।

30 दिनों के भीतर मांगा जवाब (CBSE Board News)

बोर्ड ने सभी स्कूलों से 30 दिनों के भीतर इस नोटिस पर जवाब मांगा है। सीबीएसई ने कहा कि, “इस नोटिस पर स्कूल का जवाब 30 दिनों के भीतर तक  तक पहुंच जाना चाहिए। ऐसा न करने पर यह मान लिया जाएगा की स्कूल के पास प्रस्तुत करने के लिए कुछ नहीं है और मामले में आगे का निर्णय बोर्ड द्वारा नियमों के अनुसार लिया जाएगा।

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