CBSE की बड़ी तैयारी, गणित की तरह साइंस और सोशल साइंस परीक्षाओं के लिए भी होंगे दो कठिनाई स्तर, छात्रों को होगा लाभ

2026 से सीबीएसई एजुकेशन सिस्टम में कई बड़े बदलाव कर सकता है। साइंस और सोशल साइंस विषय के लिए दो-स्तरीय कठिनाई पेश कर सकता है। मैथ्स के लिए यह मॉडल वर्तमान में लागू है।

Manisha Kumari Pandey
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अगले साल के सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का पूरा पैटर्न बदल सकता है। शिक्षा क्षेत्र में लचीलापन लाने और छात्रों के हित में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कई बड़ी घोषणाएं कर चुका है। इसमें विज्ञान और सामाजिक विज्ञान परीक्षा के लिए दो-स्तरीय कठिनाई स्तर शामिल हैं। हालांकि इस संबंध में बोर्ड ने अब तक कोई घोषणा आधिकारिक तौर कोई घोषणा नहीं की है।

सीबीएसई की यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का हिस्सा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बोर्ड की पाठ्यक्रम समिति की बैठक में इस योजना को मंजूरी भी मिल चुकी है। बस अंतिम अनुमोदन का इंतजार है। नया सिस्टम से छात्रों के पढ़ाई और परीक्षा में बड़ा बदलाव होगा।

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कैसा होगा नया सिस्टम?

दो स्तरीय प्रणाली में कठिनाई के दो स्तर होंगे, इसमें मानक स्तर और बेसिक स्तर शामिल हैं। छात्रों को इनमें से किसी एक का चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। “मानक” लेवल उन छात्रों के लिए होगा, जो इन विषयों में डीप स्टडी करना चाहते हैं। वहीं बेसिक स्तर उन छात्रों के लिए होगा जो इन विषयों में उन्नत अध्ययन नहीं करना चाहते। सूत्रों की माने तो स्टूडेंट्स को मानक और बेसिक स्तरों के बीच चुनाव करने के लिए एक निर्धारित अवधि भी दी जाएगी। वे जरूरत के हिसाब से इन्हें स्विच भी कर पाएंगे। वर्तमान में सीबीएसई गणित के लिए दो स्तरीय कठिनाई प्रणाली चला रहा है।

कब लागू होगा नियम?

2026 से कक्षा 9वीं में साइंस और सोशल साइंस विषय के लिए दो कठिनाई स्तर शुरू होंगे। वहीं नई प्रणाली वर्ष 2028 में कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए लागू हो सकती है। इस प्रणाली के जरिए छात्रों के बीच तनाव कम होगा। करियर और योग्यता को देखते हुए विषयों के कठिनाई लेवल को चुन सकते हैं।

जारी होंगे नए पाठ्यपुस्तक 

सीबीएसई अध्यक्ष राहुल सिंह के मुताबिक दो स्तरीय कठिनाई प्रणाली शुरू होने पर प्रत्येक कठिनाई स्तर के लिए अलग टेक्स्टबुक्स भी जारी किए जाएंगे। उन्नत छात्रों के लिए एक्स्ट्रा सामग्री वाली एकल पाठ्यपुस्तक पेश किए जाएंगे। इसके अलावा कठिनाई स्तर के हिसाब से परीक्षा पत्रों के अलग-अलग सेटों के साथ समान किताब भी जारी हो सकता हाई। इस योजना को अंतिम रूपरेखा देना अभी बाकी है।

 


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