केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भारतीय भाषा समर कैंप का ऐलान किया है। इस संबंध में सभी सम्बद्ध स्कूलों के प्रमुख को नोटिस जारी किया गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन गर्मी की छुट्टियों के दौरान सभी स्कूलों में होगा, 7 दिनों तक चलेगा। स्थानीय जरूरतों के हिसाब तारीख और एमी अकादेमी कैलेंडर से अलग हो सकता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के बीच बहुभाषावाद को बढ़ावा देना है। उन्हें एक से अधिक भाषा सीखने के लिए प्रोत्साहित करना है।
सीबीएसई ने यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उठाया है। कैंप को मजेदार और आकर्षक तरीके से बच्चों को छोटी उम्र में ही विभिन्न भाषाओं से परिचित कराने के लिए डिजाइन किया गया है। बुनियादी संचार कौशल सीखने के लिए समर कैंप 28 घंटे के लिए आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक स्कूल में कम से कम 75-100 बच्चे भाग ले सकते हैं।यह शब्दावली निर्माण, वास्तविक जीवन में बातचीत के अभ्यास, संस्कृति की सद्भावना, आत्मविश्वास निर्माण आदि पर ध्यान केंद्रित होगा।

स्कूलों को CBSE ने दिए ये निर्देश
सीबीएसई नेसभी स्कूलों के प्रधानाचार्य को इस कार्यक्रम की इसका संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ग्रीष्मकालीन शिविर की योजनाएं बनाने को कहा है। ताकि छात्रों को एक से अधिक भाषा सीखने के लिए रचनात्मक माध्यम उपलब्ध हो सके। इसके अलावा दो से तीन तस्वीरों के साथ गतिविधियों की एक संक्षिप्त रिपोर्ट भी मांगी है। जिसके लिए एक लिंक नोटिस में ही साझा किया गया है।
एनसीईआरटी निभाएगा अहम भूमिका
एनसीईआरटी समर कैंप के लिए संसाधन सामग्री उपलब्ध करने के लिए एक नोडल संगठन और तकनीकी भागीदार है। एससीईआरटी या एनसीईआरटी 28 घंटे का एक कैप्सूल कोर्स तैयार करेंगए, जिसके हिसाब से दिनवार विभिन्न तिविधियों का आयोजन किया जाएगा। अलग-अलग भाषाओं में ग्रीटिंग-एक्सप्रेशन, अक्षर नंबर और हस्ताक्षर सिखाए जाएंगे। वर्चुअल सिटी सिटी टूर और रियल लाइफ कन्वर्सेशन अभ्यास करवाया जाएगा। इसके अलावा भाषा से संबंधित म्यूजिक डांस पेंटिंग और कल से जुड़ी गतिविधियां भी होगी। मसालर, सब्जी, फल और अन्य खाने पीने की चीजों के बारे में सिखाया जाएगा। भाषा में इतिहास, ज्योग्राफी (नदियों और पहाड़ों के नाम) सिखाए जाएंगे। आखिरी दिन मोटिवेशन के साथ इस कार्यक्रम का समापन होगा।
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