ये हैं भारत के 8 सबसे सस्ते इंजीनियरिंग कॉलेज, कम फीस में होता है B.Tech, देखें पूरी लिस्ट 

भारत में कई ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जो कम फीस में बीटेक ऑफर करते हैं। कुछ संस्थानों की फीस को एक लाख रुपये से भी कम है। आइए जानें इन कॉलेजों में एडमिशन कैसे होता है?

Cheapest Engineering Colleges in India: कई छात्र बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं। जेईई मेंस और जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा में भी शामिल होते हैं। लेकिन बीई या बीटेक महंगे कोर्स में से एक है। हालांकि यह कॉलेजों के क्षेत्र, सुविधा, प्लेसमेंट और कारकों पर निर्भर करता है। टॉप आईआईटी कॉलेजों की फीस 20 लाख के आसपास है। ऐसे में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे छात्रों को लोन लेने की जरूरत पड़ जाती है।

भारत में एजुकेशन महंगा होता जा रहा है, लेकिन अभी भी कुछ ऐसे कॉलेज हैं जो कम फीस में बीटेक कोर्स ऑफर करते हैं। इस लिस्ट में शामिल कुछ संस्थानों की फीस तो एक लाख रुपये से भी कम है। हालांकि इनमें एडमिशन के लिए संबंधित एन्ट्रेंस एग्जाम में शामिल होना पड़ता है, जेईई परीक्षाओं के अलावा ये बैकअप प्लान बन सकते हैं।

पश्चिम बंगाल के 3 कॉलेज लिस्ट में शामिल 

  • पश्चिम बंगाल का जादवपुर यूनिवर्सिटी भारत का सबसे सस्ता इंजीनियरिंग कॉलेज है। इसकी फीस 10000 रुपये से लेकर 20000 रुपये तक होती है। WBJEE स्कोर के आधार पर एडमिशन होता है। रैंक 13 से 1030 के आसपास होना चाहिए।
  • अलियाह यूनिवर्सिटी भी कम फीस में बीटेक कोर्स ऑफर करता है। 47,250 से लेकर 97000 रुपये में कोर्स किया जा सकता है। इससे लिए भी कॉलेज विशेष परीक्षा आयोजित करता है।
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी कोलकाता में छात्र 1 लाख 92 हजार रुपये में बीटेक प्रोग्राम कर सकते हैं।

जामिया मिलिया इस्लामिया 

दिल्ली का जामिया मिलिया इस्लामिया भी कम फीस में 4 वर्षीय बीटेक प्रोग्राम ऑफर कर रहा है। ट्यूशन फीस 64,600 रुपये होती है। वहीं होटल फीस 1,57,000 रुपये तक होती है।

इन कॉलेजों की फीस भी कम 

  • फैकल्टी ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ़ बड़ौदा, वडोदरा- 30000 रुपये से लेकर 40000 रुपये
  • जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजीकल यूनिवर्सिटी हैदराबाद कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग- 82,000 रुपये
  • सत्यभामा यूनिवर्सिटी, चेन्नई- 1 लाख रुपये
  • यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, ओसमानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद- 81000 रुपये

About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News