केंद्रीय विद्यालय की 5 खासियत, जानें बच्चों की शिक्षा के लिए क्यों है बेस्ट

CBSE बोर्ड से संबद्ध केंद्रीय विद्यालय देश के सबसे प्रतिष्ठा स्कूलों में से एक है। इसे अपनी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और बजट में पढ़ाई के लिए पहचाना जाता है।

केंद्रीय विद्यालय देश भर में मौजूद एक ऐसा सरकारी स्कूल है। जो अपने उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, आधुनिक शिक्षा पद्धति और बच्चों के समग्र विकास के लिए पहचाना जाता है। यहां पढ़ाई से लेकर खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों सभी में बच्चों को बेस्ट बनाने की पूरी कोशिश की जाती है। देश भर में कई सारे स्कूल केंद्रीय विद्यालय संगठन के नेतृत्व में संचालित किया जा रहे हैं।

CBSE बोर्ड से संबद्ध इन स्कूलों में बच्चों को एक समान और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाती है। हर साल इन स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया रखी जाती है जिसमें सबसे पहले केंद्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। उसके बाद अलग-अलग श्रेणियों के मुताबिक बच्चों को प्रवेश मिलता है। हर साल पेरेंट्स में सेंट्रल स्कूल में बच्चों का एडमिशन करवाने को लेकर होड़ देखने को मिलती है। चलिए आज हम आपको बता देते हैं कि केंद्रीय स्कूल में आखिरकार क्या खास है।

केंद्रीय विद्यालय की खासियत (Kvs schools)

समान शिक्षा

केंद्रीय विद्यालय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि देशभर में इसके जितने भी स्कूल संचालित हो रहे हैं। वहां का पाठ्यक्रम और पुस्तक एक ही होती है। अन्य प्राइवेट स्कूलों की तरह यहां पर अलग-अलग किताब है यहां अलग करिकुलम नहीं पढ़ाया जाता। देश के किसी भी इस केंद्रीय विद्यालय की किसी भी कक्षा की बुक आप देखेंगे तो आपको समान मिलेगी। यहां पर हिंदी और इंग्लिश दोनों में ही बच्चों के लिए कक्षाएं संचालित की जाती है। जिससे बच्चे दोनों भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

संस्कृत की शिक्षा

सभी केंद्रीय स्कूलों में बच्चों को 6वीं से लेकर 8वीं तक संस्कृत जरुर पढ़ाई जाती है। आजकल प्राइवेट स्कूलों में संस्कृत को ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर रखा जाने लगा है। लेकिन यहां संस्कृत विशेष तौर पर बच्चों को पढ़ाई जाती है ताकि वह इस भाषा से परिचित हो सके।

उच्च गुणवत्ता की पढ़ाई

केंद्रीय विद्यालय की शिक्षा प्रणाली के लिए पहचाने जाते हैं। यहां पर हर बच्चे पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया जाता है ताकि वह अच्छी तरह से पढ़ाई कर सके। इसके अलावा यहां स्मार्ट क्लासरूम, लाइब्रेरी, खेल का मैदान, साइंस लैब और कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं भी बच्चों को मिलती है।

कम फीस

प्राइवेट स्कूल में आजकल बच्चों की पढ़ाई के लिए मनमानी फीस वसूली जाती है। केंद्रीय विद्यालय का माहौल इसके बिलकुल विपरीत है। यहां पर ट्यूशन फीस न के बराबर लगती है और अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों के लिए कोई भी फीस नहीं ली जाती। अन्य नियमों के मुताबिक भी छात्रों को फीस में छूट दी जाती है।

एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज

केंद्रीय विद्यालय में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के अलावा बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों खेल संगीत और कला से भी जोड़ा जाता है। इस तरह से उनका समग्र विकास होता है। यहां नैतिक शिक्षा पर भी जोर दिया जाता है ताकि बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार और अनुशासन विकसित हो सके।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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