अगर आप सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि कुछ बड़ा और यूनिक करना चाहते हैं, तो एयरोस्पेस इंजीनियरिंग आपके लिए सही ऑप्शन हो सकता है। यह ब्रांच आपको विमान, रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइन करने की दुनिया में ले जाती है। हालाँकि इसमें दाखिला और पढ़ाई आसान नहीं है, लेकिन जो इसे कर लेते हैं, उनके लिए करियर और कमाई दोनों की ऊंचाइयों की कोई सीमा नहीं होती।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क्या है और क्यों है ये सबसे अलग?
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग उन स्टूडेंट्स के लिए है जो तकनीक, अंतरिक्ष और रिसर्च के लिए जुनून रखते हैं। यह ब्रांच दो हिस्सों में बंटी होती है एरोनॉटिकल (जो वायुमंडल में उड़ने वाले वाहनों से जुड़ी है जैसे प्लेन और हेलीकॉप्टर) और एस्ट्रोनॉटिकल (जो अंतरिक्ष में काम करने वाले वाहनों से जुड़ी है जैसे सैटेलाइट और रॉकेट)।

क्या पढ़ने को मिलता है?
इस कोर्स में स्टूडेंट्स को मैथ्स, फिजिक्स, फ्लूइड मैकेनिक्स, थर्मोडायनामिक्स और कंपोज़िट मटेरियल्स जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पढ़ाई जाती है। इसमें हर चीज़ परफेक्शन की मांग करती है क्योंकि एक छोटी गलती भी करोड़ों का नुकसान कर सकती है। यही वजह है कि इस ब्रांच के इंजीनियर्स की डिमांड पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा रहती है, और उनकी सैलरी भी उसी हिसाब से होती है।
Aerospace Engineers की सैलरी
एयरोस्पेस इंजीनियर्स की सैलरी शुरुआत से ही बाकी ब्रांचेज से ज्यादा होती है। भारत में फ्रेशर्स को 12 से 20 लाख रुपये सालाना पैकेज आसानी से मिल सकता है, खासकर अगर आप IIT या IIST जैसे टॉप कॉलेज से पढ़े हैं। कुछ टॉप प्राइवेट कंपनियां जैसे Boeing, Airbus, Lockheed Martin, और HAL ऐसे कैंडिडेट्स को 40 से 80 लाख तक का ऑफर देती हैं। वहीं अगर आप NASA या SpaceX जैसी ग्लोबल कंपनियों में जाते हैं, तो सैलरी 1 करोड़ से ऊपर भी हो सकती है। ISRO और DRDO जैसे सरकारी संस्थानों में भी अच्छी सैलरी के साथ रिसर्च और प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका मिलता है।
बता दें कि भारत में इस ब्रांच की पढ़ाई के लिए कुछ चुनिंदा टॉप संस्थान हैं, जैसे IIT Bombay, IIT Kanpur, IIT Madras और IIST (Indian Institute of Space Science and Technology)। इन कॉलेजों में दाखिला पाने के लिए JEE Advanced जैसी कठिन परीक्षा पास करनी होती है।