भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (MP) में फरवरी महीने से 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षा (MP Board Exam) आयोजित की जाएगी। इससे पहले MP School कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षा 50 फीसद, 8 से 12 तक की कक्षा 50 की क्षमता के साथ स्कूलों में संचालित की जा रही है। प्रदेश में corona संक्रमण को देखते हुए मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 8वीं तक के स्कूलों को बंद करने की अनुशंसा की है। इस मामले में आयोग के सदस्य ने राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त को पत्र लिखा है। लिखे पत्र में सदस्य का कहना है कि संक्रमण के तीसरे लहर में बच्चों संक्रमित हो रहे हैं।खासकर के 10 से 15 साल के बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक प्रभावित दिख रहा है। स्कूल को बंद किए जाने पर फैसला लेना चाहिए।
वहीं प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कक्षा 10वीं हाई स्कूल, हाई सेकंडरी की परीक्षा की तिथि को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। परीक्षा फरवरी महीने में आयोजित होनी है जबकि अधिकारियों का कहना है कि यदि फरवरी में Corona पिक पर हो तो परीक्षा अप्रैल महीने में आयोजित की जा सकती है। ज्ञात हो कि इस साल माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश द्वारा बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन माध्यम से कराए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। वही माशिमं किसी भी सूरत में आंतरिक मूल्यांकन के मूड में नहीं है।
पिछले साल में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार करने के बाद बोर्ड का कहना था कि इससे छात्रों में पढ़ाई का प्रेशर खत्म हो जाता है। साथ ही उनकी योग्यता भी पूरी तरह से प्रभावित होती है। ऐसे में यदि फरवरी महीने में Corona की तीसरी लहर अपने पीक पर होती है तो परीक्षा अप्रैल महीने में आयोजित करने पर विचार किया जा सकता है।
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यदि MP Board 10वीं-12वीं की परीक्षाएं पूर्व निर्धारित समय पर ऑफलाइन होती है तो ऐसे में बच्चों को वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक 15 से 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। ऐसे में मंडल का मानना है कि 10वीं-12वीं में शामिल होने वाले अधिकतर बच्चे वैक्सिनेट हो जाएंगे। दरअसल एमपी बोर्ड 10वीं 12वीं की परीक्षा अगले महीने 17 फरवरी से ऑफलाइन मोड में आयोजित होनी है। राज्य शासन की तैयारी पहले 15 से 18 वर्ष के बच्चों को 100% वैक्सीनेशन पूरा कर दिया जाए।
वही भोपाल DEO, नितिन सक्सेना का कहना है कि स्कूलों में 15 से 18 वर्ष के बच्चों का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन किया जाए। इसके लिए राज्य शासन के आदेश अनुसार प्रशासन पूरी तैयारी में है। शिक्षकों द्वारा अभिभावकों को छात्रों के वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। परीक्षा में वैक्सिनेशन अनिवार्य होगा या नहीं। इसके ऊपर निर्णय उच्च स्तर पर लिया जाएगा।
स्कूल बंद करने पर स्कूल शिक्षा मंत्री का कहना है कि स्कूलों में कोरोना का संक्रमण नहीं है। स्कूलों को बंद करने के बारे में अभी कोई विचार नहीं किया गया है। अगर संक्रमण की रफ्तार तेज होती है। तब इस मामले में निर्णय लिया जा सकता है।